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Big News world Bharat :फारुख अब्दुल्ला ने कहा- कश्मीर के हालात खराब, अब तो शिवसेना भी भाजपा से पूछ रही कि 370 हटाकर उन्हें क्या मिला

पाकिस्तान के तोता बोला  

मित्रों शब्दों की मरियदा हैं इसलिए इनको कुछ कहने में बनता नहीं है लेकिन इनको आ जीवन जेल में दाल देना चाहिये ये लोग नामक हराम हैं ये खाते तो भारत के है मगर हमेशा पाकिस्तान के ही गन - गण करते हैं, इनको कश्मीर की नहीं खुद के बैंक बॅलन्स की परवह है।  और इनको कांग्रेस जैसे राजनैतिक दलों के खुल के समर्थन हासिल हैं। 
इनको राजनैतिक दलों के खुल के समर्थन हासिल ही नहीं कुछ चीन और पाकिस्तान समर्थित न्यूज़ चैनलों  के भी समर्थन हासिल हैं। 

 

(मुदास्सिर कुल्लू) जब सभी नेता रिहा हो जाएंगे, तब हम अपना एजेंडा तय करेंगे। अभी कुछ भी कहना संभव नहीं...ये कहना है जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला का। उन्होंने भास्कर से कहा कि हमने हाईकोर्ट में गुहार लगाई है कि हमारे कई नेता गैरकानूनी रूप से बंद हैं।


खुदा का शुक्र है कि एक साल बाद कई नेताओं को घर आने की अनुमति मिली। मैं अन्य नेताओं को कॉल कर पता करूंगा कि वे मुक्त हुए हैं या नहीं। सरकार का कहना है कि एक राजनीतिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है जिसके पूरे होते ही हम खुलकर घूम-फिर सकेंगे। मैं आशा करता हूं कि हमारे नेताओं को दोबारा बंद नहीं किया जाएगा।

फारुख कहते हैं कि 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ देश भर में कई लोगों ने आवाज उठाई है। तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल, पी चिदंबरम, शरद पवार और सीताराम येचुरी ने मुखर होकर बात रखी है। यहां तक कि शिवसेना ने भी भाजपा से पूछा है कि 370 हटाने से आपको क्या मिला। देश भर से आवाजें उठ रही हैं कि घाटी में अन्याय हुआ है। उनका कहना है कि कश्मीर में जो हुआ है, उसे लेकर हम शांत तो नहीं बैठेंगे।

हम जम्मू-कश्मीर में लोगों को उनकी समस्याओं से बाहर निकालना चाहते हैं और चाहते हैं कि राज्य में सम्पन्नता बनी रहे। जब सभी नेता आजाद होंगे, तब हम मिलेंगे और बैठकर अपना राजनीतिक एजेंडा तय करेंगे। 370 हटने के बाद के हालातों पर घाटी के अब्दुल्ला कहते हैं कि हर व्यक्ति जानता है कि घाटी में क्या हुआ है।

राज्य में सुरक्षा का माहौल तैयार करना सरकार की जिम्मेदारी

उन्होंने कहा कि लोग बुरी परिस्थिति में हैं। जो हुआ है उसके बाद यहां लोगों की लोकतंत्र पर आस्था कम हुई है। मैंने 5 अगस्त को एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें इस विषय पर चर्चा होनी थी। लेकिन मीटिंग ही नहीं होने दी गई। गुपकर डिक्लेरेशन हमारा प्रमुख एजेंडा है।

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी से भी हम आहत हैं। घाटी में पंच-सरपंच और राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों पर अफसोस जताते हुए वे कहते हैं कि इन हमलों की भर्त्सना होनी चाहिए। ये सरकार की जिम्मेदारी है कि वह राज्य में सुरक्षा का माहौल तैयार करे।

English :

Pakistan's parrot said

Friends are the best of words, so they are not made to say anything, but they should be given a life in jail, these people are called haraam, these accounts are of India but are always gunned down by Pakistan, not by Kashmir itself. He is the master of bank balances. And they have the open support of political parties like Congress.

They not only have the open support of political parties, but also have the support of some news channels supported by China and Pakistan.

Mudassir Kullu) When all the leaders are released, then we will set our agenda. It is not possible to say anything now ... This is to say that of former Chief Minister of Jammu and Kashmir and President of National Conference Farooq Abdullah. He told Bhaskar that we have appealed in the High Court that many of our leaders are illegally closed.



Thank God that after a year many leaders got permission to come home. I will call other leaders to find out if they are free or not. The government says that a political process has been started, after the completion of which we will be able to roam freely. I hope that our leaders will not be shut down again.


Farooq says that many people across the country have raised their voice against the central government's decision to remove 370. Trinamool Congress, Congress leaders Kapil Sibal, P Chidambaram, Sharad Pawar and Sitaram Yechury have spoken out loud. Even the Shiv Sena has asked the BJP what you got by removing 370. Voices are rising from across the country that injustice has been done in the valley. They say that we will not sit silent about what has happened in Kashmir.


We want to get people out of their problems in Jammu and Kashmir and want prosperity in the state. When all the leaders are free, then we will meet and sit down and decide our political agenda. 370 After the withdrawal, Abdullah of the valley says that every person knows what has happened in the valley.


Government's responsibility to create security environment in the state


He said that people are in a bad situation. After what has happened, people have lost faith in democracy here. I had called a meeting on 5 August, to discuss the subject. But the meeting was not allowed to take place. Secret Declaration is our main agenda.


We are also hurt by the detention of PDP chief Mehbooba Mufti. While regretting the attacks on Panch-Sarpanch and political activists in the Valley, he says that these attacks should be condemned. It is the responsibility of the government to create an atmosphere of security in the state.

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