Dainik Bhaskar 50 करोड़ से ज्यादा लाेगों को मिलना था ‘पीएम-जय’ का लाभ; लेकिन 32 करोड़ की ही पहचान हो पाई, 10 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी कागजों पर
(पवन कुमार) दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा याेजना आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जय) के तहत देश के 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ मिलना था, लेकिन सरकारी एजेंसियां अभी तक 32 करोड़ से कुछ ज्यादा लोगों काे ही तलाश कर पाई है। जिन राज्यों में योजना लागू हुई है, वहां 10 करोड़ से ज्यादा लोग अपने पते पर नहीं मिले। इनका नाम सिर्फ कागजों पर है।
सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना (एसईसीसी) के अनुसार 28 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 8 करोड़ 47 लाख 34 हजार 768 परिवार थे। लेकिन योजना लागू होने के सितंबर में दो वर्ष होने वाले हैं, उसके बाद भी राज्य और केंद्र की एजेंसियां महज 6 करोड़ 44 लाख 59 हजार 829 परिवारों को ही ढूंढ़ पाई हैं। इन राज्यों में 42 करोड़ 36 लाख 73 हजार 840 लोगों को योजना का लाभ मिलना था, लेकिन सिर्फ 32 करोड़ 22 लाख 29 हजार लोगों तक सिमट गया।
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) की ओर से संबंधित राज्याें और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर इन लोगों की पहचान के लिए अभियान चलाया गया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद शहरी क्षेत्र में 46% लोग नहीं मिले। यही स्थिति गांवों की भी रही। ग्रामीण क्षेत्र में करीब 17% लाभार्थी नहीं मिले।
शहरी क्षेत्र में इतनी बड़ी संख्या में लाभार्थी नहीं मिलने की बड़ी वजह उनका एक शहर से दूसरे शहर में पलायन बताया जा रहा है। वहीं मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि जनगणना के समय एसईसीसी का जो डाटा जारी किया गया, उसमें भी कुछ खामी हो सकती है। उधर, राज्यों की तरह केंद्र की भी आने वाले समय में एसईसीसी के अलावा अन्य समूहों को जोड़ने की योजना है।
4 राज्यों में भी लागू होती तो 10 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी होते
यह याेजना चार राज्याें दिल्ली, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में लागू नहीं हो पाई है। इन राज्यों में दो करोड़ 49 लाख 94 हजार परिवाराें को योजना का लाभ मिलना था। योजना के अनुसार इन राज्यों में 10 करोड़ से ज्यादा लाभार्थी होते। बाकी राज्यों की तरह इन चार राज्यों में भी वही स्थिति रही तो करीब ढाई करोड़ से ज्यादा लाभार्थियाें की पहचान नहीं हो पाएगी। ऐसे में योजना से 12 करोड़ लोग कम हो जाएंगे।
योजना में पांच लाख रुपए का बीमा, 1400 तरह का इलाज
- 12.56 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बन चुके 32 राज्यों में
- 1.09 कराेड़ लोग पिछले दो साल में विभिन्न अस्पतालों में इलाज करवा चुके
- 21.50 हजार से ज्यादा प्राइवेट और सरकारी अस्पताल योजना में इम्पैनल
- 1400 तरह के प्रोसिजर, सर्जरी, इलाज और जांच शामिल हैं।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/more-than-50-crore-people-were-to-get-the-benefit-of-pm-jai-but-only-32-crore-could-be-identified-more-than-10-crore-beneficiaries-on-paper-127640239.html
No comments
If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....