Header Ads



Dainik Bhaskar लगातार बारिश से कई राज्यों में बाढ़ जैसे हालात, नदियां उफान पर, डैम के गेट खोले गए; सूरत में कई बस्तियां जलमग्न

सूरत के लिए सावन से ज्यादा तो भादो (भाद्रपद) माह में मेघों की मेहर रही। भादो के सिर्फ 20 दिन में ही 838 मिमी (33 इंच) बारिश हो गई। जबकि सावन के आखिरी दिन तक भी 633 पानी ही बरसा था। इतना ही नहीं भादो के 12 दिन 12 से 23 अगस्त के बीच ही 726 मिमी (28.58 इंच) बारिश हो गई। जो शहर की औसत 1332 मिमी बारिश के मुकाबले 45.50 फीसदी है। पिछले साल के इन 12 दिनों में सिर्फ 15 मिमी बारिश हुई थी। अगले 48 घंटे के लिए भी भारी बारिश का अलर्ट है।

आईटीबीपी ने महिला को किया रेस्क्यू

भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने शनिवार को उत्तराखंड के लास्पा गांव से एक घायल महिला को रेस्क्यू किया। उन्होंने मानसून प्रभावित इलाकों को पार कर 15 घंटों में महिला को सड़क मार्ग तक पहुंचाया, जहां से उसे अस्पताल ले जाया गया। इस दौरान जवान 40 किमी पैदल चले। 20 अगस्त को महिला पहाड़ी से गिर गई थी। हादसे में उसका पैर फ्रैक्चर हो गया था।

डूंगरपुर में सड़कें जलमग्न

मूसलाधार बरसात के बाद गमेला तालाब ओवरफ्लो हो गया। रविवार सुबह होते-होते पानी गांव तक पहुंच गया। वल्ला बावड़ी क्षेत्र व जवाहर चौक क्षेत्र के पाटीदार बस्ती तक तक फैल गया। बसस्टैंड से गांधी चौक जाने वाले मुख्य मार्ग पर घुटनों से ऊपर तक पानी हो गया। गांव के बड़े बुजुर्ग बताते है कि करीब 35 साल पहले गांव में इतना पानी नजर आया था।

माही बांध में पानी की आवक तेज

तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण माही बांध में पानी की तेज आवक को देखते हुए रविवार शाम 5 बजे 16 गेट आधा-आधा मीटर खोले गए। 281.50 मीटर भराव क्षमता के मुकाबले में बांध रविवार रात 2 बजे तक 280.65 मीटर भर चुका था। एमपी के धार समेत आसपास के इलाकों में अच्छी बारिश होने से बांध में दो दिन में करीब 9 मीटर पानी आया। बांध में अभी 1655 क्यूसेक की दर से पानी की आवक बनी हुई है, जबकि 16 गेट खोलकर 1972 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा जा रहा है।

पुलिस तैनात की गई

बारिश से चंबल नदी दूसरे दिन रविवार को उफान पर रही। बड़ा पुल जो 90 फीट ऊंचा है, उससे चंबल 10 फीट ही नीचे बह रही थी। पुलिस तैनात की गई है।

खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही नदी

बड़वानी में पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश से नर्मदा उफान पर आ गई। जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान (123.280 मीटर) से डेढ़ मीटर ऊपर पहुंच गया है। 24 घंटे में ही दो मीटर जलस्तर बढ़ा। शनिवार शाम 4 बजे नर्मदा का जलस्तर 123 मीटर था, जो रविवार को 125 मीटर पर पहुंचा।

एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा

उकाई बांध से पिछले 5 दिनों से एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है। इस कारण तापी नदी लबालब हो गई है। नदी देखने के लिए डक्का ओवारा, मक्काई पुल, होप पुल पर लोगों की भीड़ लगी रही। विसर्जन रोकने के लिए तापी किनारे बैरिकेड लगा दिया गया है। रविवार शाम 6 बजे उकाई का जलस्तर 332.51 फीट रहा। उकाई में पानी की आवक 1 लाख 58 हजार 809 क्यूसेक रही। 1 लाख 15 हजार 450 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उकाई में अब तक कुल 4664.21 एमसीएम पानी भरा है, जो कुल कैपेसिटी का 72.14 फीसदी है।

327 फीट ऊपर से गिरता झरना

संक्रमण के कारण झारखंड के पर्यटन स्थल बंद हैं। हुंडरू फॉल भी पांच महीने से बंद है। आम दिनों में यहां दर्जनों गाड़ियों से पर्यटक घूमने आते थे। हर संडे को एक दर्जन से अधिक बसों से पर्यटक आते थे। पिछले 15 अगस्त को यहां करीब 30 हजार से अधिक पर्यटक आए थे। 15 अगस्त के बाद 10 से 15 हजार पर्यटक हर दिन आते थे, लेकिन अभी सबका आना-जाना बंद है।

250 टन बैंबू से बना है ये सेंटर

फोटो महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्र चंद्रपुर में बने एशिया के सबसे बड़े बैंबू रिसर्च सेंटर की है। 4 एकड़ जमीन में बन रहे इस सेंटर को बनाने में 100 करोड़ रुपए का खर्च आया है। 250 टन बांस का इस्तेमाल हुआ है। इसमें 1000 आदिवासी महिलाएं और 500 से ज्यादा स्थानीय युवाओं को बैंबू प्रोडक्ट बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनके बनाए 76 तरह के प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन बिक्री हो रही है और इंटरनेशनल मार्केट में जा रहे हैं।

गुरुद्वारा डेहरा साहिब में रोज पहुंच रहे करीब 2000 श्रद्धालु

श्री गुरु नानक देव जी और बीबी सुलक्खणि जी के विवाह पर्व को लेकर गुरुद्वारा श्री कंध साहिब और गुरुद्वारा श्री डेहरा साहिब में रौनक बढ़ने लगी है। संगत की बढ़ती आमद को देखते हुए गुरुद्वारा प्रबंधकों की ओर से पूरे प्रबंध किए गए हैं। वहीं अटूट लंगर संगत में वितरित किया जा रहा है। वहीं गुरुद्वारा डेहरा साहिब में करीब 2 हजार श्रद्धालु रोजाना आ रहे हैं।

पत्तों पर चिड़िया की कारीगरी

राजस्थान के बाड़मेर की विष्णु कॉलोनी में एक पीपल के पेड़ पर चिड़िया ने पत्तों के बीच कारीगरी कर घोसला बनाया है। घोंसला इस तरह से बनाया है कि इसमें बारिश के दौरान भी पानी नहीं जा पाए। पत्ते को चोंच से सीलकर उसमें रुई और अन्य सामग्री को भरा गया है। इसमें चिड़िया ने अंडे दिए और अब चूजे भी बाहर निकल आए है। इसी घोंसले के ऊपर भी पत्ते का ही ढक बनाया गया है। ताकि बारिश का पानी घोंसले में प्रवेश न हो।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Due to the incessant rains, flood-like conditions in many states, rivers overflowing, dam gates were opened; Many settlements submerged in Surat


from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/due-to-the-incessant-rains-flood-like-conditions-in-many-states-rivers-overflowing-dam-gates-were-opened-many-settlements-submerged-in-surat-127646902.html

No comments

If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....

Powered by Blogger.