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Dainik Bhaskar खुश रहने के लिए अमीर होना जरूरी नहीं, बस खुशमिजाज दिल चाहिए

बिहार के शेखपुरा की यह तस्वीर निशा अग्रवाल ने भेजी है। खुश रहने के लिए अमीर होना जरूरी नहीं, बस खुशमिजाज दिल चाहिए। यही संदेश ये बच्चे हमें दे रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण लंबे लॉकडाउन के बाद जब पहली बार कुछ रियायतें मिलीं तो इनके पिता भी गया के शेरघाटी अनुमंडल के शेखपुरा गांव के पास स्थित ईंट भट्‌ठा पर काम करने के लिए पहुंचे।

गहरे अभाव के बीच इसकी खुशी इन बच्चों के चेहरे पर दिखाई दे रही है। मजदूरों के बच्चे पास के बगीचे में बांस और केले के थम से बनाए गए झूला में झूल रहे हैं। वर्ल्ड फोटोग्राफी डे के मौके पर दैनिक भास्कर ने अलग-अलग राज्यों के अपने पाठकों से फोटोग्राफ्स मंगाए थे। इनमें सर्वश्रेष्ठ चुनी गई तस्वीरों 15 तस्वीरें।

यूट्यूब से तकनीक सीखी फिर फोटो खिंची

भिलाई सेक्टर-5 के रहने वाले अजय देवांगन ने ये तस्वीर लॉकडाउन में फोटोग्रॉफी में प्रयोग के तौर पर क्लिक की है। दुर्ग कोर्ट में स्टेनोग्रॉफर अजय शौक से फोटोग्रॉफी करते हैं। इसे क्लिक करने के लिए उन्होंने यूट्यूब से तकनीक सीखी। इस फोटो को वर्ल्ड फोटोग्रॉफी डे कांटेस्ट के लिए फर्स्ट प्राइज मिलेगा।

कोरोना का लॉक, लाख मुसीबतें

बोकारो के अभिनव की यह तस्वीर सुखद भविष्य की उम्मीद जगाती है। कोरोना महामारी के कारण लंबे लॉकडाउन के बाद रियायतें मिलीं, मो नाविक भी अपनी नन्ही बच्ची के साथ आनेवाले दिन के अच्छे होने की उम्मीद लगाए बैठा है।

खेत में सूखती सुर्ख लाल मिर्च

जोधपुर की तस्वीर जूना कोट तिंवरी के सत्येंद्र सिंह राजपुरोहित ने ली है, जिसमें बच्ची सुर्ख लाल मिर्च से खेलते हुए चहक रही है। खेत में सूखती सुर्ख लाल मिर्च के बीच बचपन के चहकने और कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन हो या अनलॉक धीरे-धीरे जनजीवन रफ्तार पकड़ रहा है।

अरावली की वादियों

गोरमघाट... यह राजस्थान के पाली का हिमालय है, क्योंकि यहां हर सुबह बादल जमीं पर उतरते हैं। अरावली पर्वतमाला से घिरा गोरमघाट बादलों से ढंक जाता है, मानों बाबा गोरखनाथ के दर्शनों को आए हों। बादलों के आसपास घूमते देख स्वर्ग जैसा अहसास होता है। अधिकतर सावन मास में ही ऐसा वातावरण और दृश्य बनता है, जिसे देखने के लिए हजारों लोग रोजाना गोरमघाट पहुंचते हैं।

उछल-कूद करती गिलहरी

यह फोटो करनाल के बुढ़ाखेड़ा से प्रकृति प्रेमी और 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र समीर सिंह ने भेजी है। यह तस्वीर उनके घर में बने बगीचे की है। छात्र ने बताया कि कोरोना के चलते लॉकडाउन हुआ तो घर में बंद होकर परेशान हो रहे थे। करीब तीन महीने के बाद जब अनलॉक हुआ तब भी पाबंदियों के बीच जिंदगी की रफ्तार धीमी ही है, लेकिन जीव-जंतु, पशु-पक्षियों के जीवन पर कोई असर नहीं था। इसी बीच एक चहचहाती गिलहरी उन्हें उछल-कूद करते नजर आई। पेड़ पर चढ़ी गिलहरी ने जैसे ही फल को लपका उन्होंने इस अद‌्भुत और रोमांचकारी नजारे को कैप्चर कर लिया।

वन विहार का वन्यजीवन

तस्वीर भोपाल के वन विहार की है। आप कई बार यहां गए होंगे, लेकिन यहां का वन्य जीवन आपने शायद ही इस नजरिए से देखा होगा। वर्ल्ड फोटोग्राफी डे पर क्षितिज पटले ने यह फोटो कैमरे में कैद की है। इसमें बंदर के बच्चे पेड़ के साथ खेल रहे थे।

प्रकृति का बदलता रंग

मृत्युंजय कुमार ने पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम से यह तस्वीर सूर्यास्त के समय खींची गई है। प्रकृति के अलग-अलग रंग और रूप होते हैं। दिन और दिन में भी इसमें बदलाव दिखता है। इससे हमें संदेश मिलता है कि हार के बाद भी जीत है। जैसे सूर्यास्त के बाद अगले दिन निश्चत रूप से सूर्योदय होता है।

यह फोटो माउंट आबू के टॉड रॉक से लिया गया है, जिसमें नक्की लेक समेत माउंट शहर बादलों से घिरा नजर आ रहा है।

फूलों से बनाया गया श्री खंडा साहिब

यह तस्वीर अमृतसर के दरबार साहिब की है। आज गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाश पर्व के अवसर पर श्री खंडा साहिब को पहली बार फूलों से बनाया गया। सजावट में 45 तरह के 30 टन फूलों का प्रयोग गया।

काली चट्‌टानें के बीच से गुजरती अनास नही

राजस्थान के बांसवाड़ा से 45 किलोमीटर दूर कलिंजरा और बड़ोदिया के बीच स्थित हेजमाल का गराड़िया फॉल। जहां काले पत्थरों की चट्‌टानों के बीच से गुजरती अनास नदी। यहां बारिश के दिनों में बहता पानी साफ होने के कारण सफेद नजर आता है। काली चट्‌टानों के बीच से बहती सफेद पानी की नदी का यह विहंगम नाजारा देखते ही बनता है। यहां तक पहुंचने के लिए निजी वाहन से ही जाना होता है। चट्‌टाने होने के कारण वाहन करीब एक किमी दूर खड़ा कर यहां तक पैदल जाना पड़ता है।

मेवाड़ में नहीं दिखते खजूर के इतने पेड़

राजस्थान के बनेड़ा तहसील की बालेसरिया पंचायत का गांव है दांता नीलावरी। यहां के तालाब का किनारा केरल के किसी खूबसूरत समुद्र तट की तरह लगता है। मेवाड़ अंचल में खजूर के इतने घने पेड़ और कहीं नजर नहीं आते, जितने कि यहां। ये पेड़ बरसों से गांव की आजीविका का हिस्सा हैं।

लेंस फोटोग्राफी का देखिए कमाल...

जगदलपुर के पास जामवाड़ा गांव के पास की ये तस्वीर युवा फोटोग्राफर हर्ष पटेल ने क्लिक की है। सूर्यास्त के समय हाथ में लेंस बॉल पर फोकस करते हुए सामने पेड़ की तस्वीर ली गई है। इससे लेंस में पेड़ की उल्टी तस्वीर बनती है, जिसे सीधा देखने के लिए बाद में फोटो को 180 डिग्री पर घुमा दिया गया है।

प्रवीण रावत ने टाइम और स्पेस को लेकर फोटोग्राफी की।

गंगा खतरे के निशान से ऊपर

पटना के गांधीघाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर है। यहां गंगा पाथवे के ऊपर पानी बह रहा है। जिला प्रशासन ने मॉर्निंग वाकरों सहित अन्य लोगों के आवागम पर रोक लगा दी है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को अलर्ट कर दिया है। इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित इलाकों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी को अपने-अपने क्षेत्र की लगातार मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है।



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