Dainik Bhaskar
प्रोफेशनल दुनिया में कदम रखने के बाद सभी की चाहत होती है कि वे एक दिन बड़े पद पर पहुंचेंगे या बड़ी जिम्मेदारियां संभालेंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा तभी संभव है जब आप उदार, शांत और भरोसेमंद रहेंगे। ऐसा कहना है हाल ही में दफ्तर में व्यवहार को लेकर हुई स्टडी का।
स्टडी के मुताबिक, ऑफिस में धोखेबाज या आक्रामक लोगों के बड़े पद पर बने रहने की संभावना कम होती है, जबकि लोगों से ज्यादा संपर्क में रहने वाले या लोगों के बीच रहने वालों को ऑफिस में फायदा मिलता है।
अमेरिकी साइंटिफिक जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित स्टडी में शोधकर्ता प्रोफेसर कैमरन एंडरसन, साइकोलॉजी प्रोफेसर ऑलिवर पी जॉनसन, डॉक्ट्रेट छात्र डैरन एल शार्प्स और एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस्टोफर जे सोटो ने कॉलेज के ऐसे छात्रों को 14 साल बाद ट्रैक किया, जो झगड़ालू या बुरे व्यवहार के थे।
उन्होंने इन छात्रों को लेकर 2 स्टडीज की। उन्होंने पाया कि मतलबी, धोखेबाज और आक्रामक लोगों को ताकतवर पद मिलने की संभावना बेहद कम थी। रिसर्चर्स ने स्टडी में शामिल छात्रों से उनके पद, पॉवर और कंपनियों के माहौल को लेकर सवाल किए थे।
ऐसा नहीं है कि खराब व्यवहार वाले सफल नहीं होते
शोधकर्ता कैमरन एंडरसन ने कहा, "मैं स्टडी की प्राप्तियों से हैरान हूं। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन हैं। खराब व्यवहार आपको किसी भी कॉम्पिटीशन में फायदा नहीं पहुंचाता है।" उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि बुरे एटीट्यूड वाले लोग सफल नहीं होते, लेकिन दूसरे लोगों के मुकाबले उन्हें सफल होने में वक्त लगता है और बुरा एटीट्यूड किसी भी तरह से उनकी मदद नहीं करता।
हालांकि, एंडरसन ने कहा, "यहां बुरी खबर यह है कि संस्थाएं फिर भी शांत लोगों की तरह खराब एटीट्यूड वाले लोगों भी को बड़ी जिम्मेदारियां देती हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो वे बुरे लोगों को दूसरों के बराबर दर से ही ताकतवर बनने का मौका देती हैं। यह जानते हुए कि खराब व्यवहार वाले लोग उनकी संस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।"
दोनों स्टडी के बारे में जानते हैं
पहली स्टडी में शोधकर्ताओं ने 457 लोगों को शामिल किया और उन्हें दफ्तर में ताकत और बुरे व्यवहार के बीच कोई संबंध नहीं मिला, जबकि दूसरी स्टडी में शोधकर्ताओं ने ताकत जुटाने के चार मुख्य तरीकों की जांच की।
इन तरीकों में आक्रामक व्यवहार या डराने और धमकाने का इस्तेमाल करना, राजनीतिक व्यवहार या प्रभावशाली लोगों के साथ काम करना, सांप्रदायिक व्यवहार या दूसरों की मदद करना, प्रतियोगी स्वभाव या काम में अच्छे होना शामिल था।
उन्होंने स्टडी में शामिल लोगों के सहकर्मियों से भी रेटिंग करने के लिए कहा। इसके बाद शोधकर्ताओं को समझ आया कि क्यों बुरे व्यवहार वाले लोग दूसरों से ज्यादा तेज सफलता नहीं पा पाते हैं।
5 टिप्स जो काम का स्तर बढ़ाने में मदद कर सकती हैं...
वर्कप्लेस पर अच्छा माहौल तैयार करना बहुत जरूरी है। इससे दफ्तर में मजबूत रिलेशन और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मदद मिलती है। उदारता से प्रोडक्टिविटी, मोटिवेशन और अच्छा माहौल तैयार होता है।
- अपना समय दें: अपनी टीम या साथियों के लिए हमेशा मौजूद रहना चाहिए। यह दिखाता है कि वे आपके लिए जरूरी हैं। सहकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान या जब भी उन्हें जरूरत हो, उनके लिए वक्त जरूर निकालें।
- बातों को सुनें: साथियों की बातों को सुनना बहुत जरूरी है। कई लोग समझने के बजाए प्रतिक्रिया देने के लिए बातों को सुनते हैं। इसके अलावा आपस में बात नहीं करना या टीम के साथ चर्चा के लिए मना करने से चीजें और गलतफहमियां बढ़ती हैं।
- मौके दें: अगर आप ऐसे पद पर हैं, जहां आप दूसरों को मौका दे सकते हैं, तो उन्हें आगे लाना आपकी जिम्मेदारी है। लोग ऐसी कंपनी में काम नहीं करना चाहते, जहां उन्हें बढ़ने और बेहतर होने का मौका न मिले। ऐसे में कंपनी में मौजूद साथियों को नया काम करने का मौका देना चाहिए।
- प्रोत्साहन दें: कई बार काम का दबाव बहुत ज्यादा होता है और चीजें उम्मीद के हिसाब से पूरी नहीं हो पाती हैं। ऐसे में कई बार टीम के साथी का मनोबल टूटता है। ऐसे में उन्हें जब भी जरूरत हो तो प्रोत्साहन देने की कोशिश करें। एक सर्वे के अनुसार, 79% कर्मचारियों ने कहा कि प्रोत्साहन मिलने से उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ी है।
- नई चीजें सिखाएं: ऑफिस में कई बार टीम मेंबर्स एक ही काम करने के कारण बोर हो जाते हैं। इस चीज से निपटने का तरीका है कि साथियों को नई स्किल सीखने या सिखाने का मौका दें। नई स्किल से जुड़े सवालों और जवाबों के लिए तैयार रहें।
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