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Dainik Bhaskar

बिहार में चुनाव की तारीखें आ गई हैं। कोरोना की वजह से इस बार बड़ी-बड़ी रैलियां, रोड शो नहीं होंगे। ज्यादातर प्रचार वर्चुअल होगा। कोरोनाकाल में होने जा रहे इस चुनाव में सबसे खास बात भी यही है।राजनीतिक पार्टियों ने भी इस वर्चुअल प्रचार के लिए पूरी तरह तैयारी कर ली है।

2013 से भाजपा का चेहरा मोदी ही बन गए हैं और उनकी रैलियों में भीड़ भी बहुत आती थी। इतना ही नहीं, मोदी की रैलियों में आने वाली भीड़ वोटों में भी तब्दील होती थी। इस बार कोरोनावायरस की वजह से बड़ी-बड़ी रैलियां नहीं होंगी, इसलिए भाजपा ने वर्चुअल प्रचार की सबसे ज्यादा तैयारी की है। वर्चुअल प्रचार के लिए 70 हजार से ज्यादा एलईडी टीवी की भी व्यवस्था की गई है। हालांकि, भाजपा का कहना है कि ज्यादातर टीवी पार्टी के कार्यकर्ताओं के घर से आएंगी।

इस स्टोरी में समझते हैं कि वर्चुअल प्रचार में किस पार्टी की क्या है तैयारियां?


1. भाजपा : वॉट्सऐप ग्रुप बनाए, 60 हजार कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी

  • सोशल मीडिया का सबसे ज्यादा और सहज इस्तेमाल भाजपा ही करती है। कहा भी जाता है कि 2014 का चुनाव भाजपा ने सोशल मीडिया पर लड़ा। बिहार में होने जा रहे इस चुनाव में भी भाजपा वर्चुअल प्रचार में फिलहाल तो सबसे आगे दिख रही है।
  • भाजपा ने पूरे बिहार में 150 प्रचार रथों को रवाना भी कर दिया है, जिनका काम गली, चौक-चौराहों पर नेताओं के भाषणों को सीधे लोगों तक पहुंचाना है।
  • भाजपा अब तक डेढ़ लाख वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए 4 करोड़ लोगों से सीधे जुड़ चुकी है। बूथ लेवल से लेकर शक्ति केंद्र, मंडल और स्टेट लेवल तक पार्टी ने 9.5 हजार आईटी प्रभारियों को काम पर लगा रखा है। इतना ही नहीं बूथ लेवल के 60 हजार कार्यकर्ताओं को वर्चुअल कैंपेन की ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है।
  • भाजपा आईटी सेल की मानें तो वर्चुअल मीटिंग में एक बार में 10 हजार कार्यकर्ताओं को साथ जोड़ा जा सकता है। इस मीटिंग में एक-दूसरे से दोतरफा बातचीत हो सकती है।

वर्चुअल ही नहीं, घर-घर जाकर भी हो रहा प्रचार

  • भाजपा सिर्फ वर्चुअल प्रचार ही नहीं, बल्कि घर-घर जाकर भी प्रचार कर रही है। पार्टी अब तक सभी 243 विधानसभा सीटों के प्रमुख कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ मीटिंग कर चुकी है।
  • बिहार में भाजपा कार्यकर्ता लगभग हर घर तक पहुंच चुके हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं। इस अभियान के तहत कार्यकर्ताओं को सभी विधानसभा सीटों में कम से कम 5 हजार घरों तक जाना था, जो लगभग पूरा हो चुका है।
  • भाजपा ने इस बार एक नई रणनीति भी बनाई है। इसके तहत पार्टी के हर कार्यकर्ता को विरोधी पार्टी के एक कार्यकर्ता को भाजपा में शामिल कराने का टारगेट दिया गया है।

2. जदयू : वॉट्सऐप से 31 लाख लोगों को जोड़ा, जदयू लाइव ऐप बनाई

  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 सितंबर को बिहार में वर्चुअल रैली कर चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। जदयू ने वर्चुअल रैली से लोगों को जोड़ने के लिए जदयू लाइव ऐप भी बनाया है।
  • इसके साथ ही पार्टी ने अब तक 31 लाख लोगों को वॉट्सऐप पर जोड़ रखा है। हर रविवार को 'बिहार के नाम, नीतीश के काम' नाम से न्यूजलेटर भी वॉट्सऐप पर जारी होता है। पार्टी के मुताबिक, ऐप के जरिए भी 10 लाख लोगों को ऑनलाइन जोड़ा जा सकता है।
  • जदयू का दावा है कि हर विधानसभा में अब तक करीब 10 हजार कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर का डेटा तैयार हो चुका है। इसके अलावा हर ब्लॉक में वर्चुअल सेंटर भी तैयार किए गए हैं, जहां से पार्टी के नेता वर्चुअल तरीके से लोगों से बात करेंगे।
  • पार्टी ने अपने तीन मंत्रियों अशोक चौधरी, संजय झा और नीरज कुमार को इस काम में लगाया है कि सोशल मीडिया पर लोगों को कैसे जोड़ा जाए? इन मंत्रियों को तीन-तीन प्रमंडल की जिम्मेदारी दी गई है। इनके पास फेसबुक, जूम और वॉट्सऐप ग्रुप बनाने का भी काम है।

3. राजदः वॉर रूम बनाया, जहां से नेता कार्यकर्ताओं से जुड़ रहे

  • 10 सर्कुलर रोड पर राजद ने अपना वॉर रूम बनाया है, जहां से तेजस्वी-तेजप्रताप से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी लगातार ट्विटर और फेसबुक के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ रहे हैं।
  • फेसबुक लाइव के जरिए तेजस्वी लगातार बात कर रहे हैं। पार्टी के मुताबिक, कार्यकर्ताओं को डिजिटल तकनीक की ट्रेनिंग भी दी गई है।
  • इसके अलावा प्रखंड, जिला और प्रदेश स्तर पर अलग-अलग वॉट्सऐप ग्रुप बनाए जा चुके हैं। इनके जरिए बिहार के 25 लाख वोटरों से जुड़ने का टारगेट रखा गया है।

4. कांग्रेसः डिजिटल मेंबरशिप से 5 लाख लोगों को जोड़ा

  • प्रदेश कांग्रेस की तरफ से भी वर्चुअल प्रचार की खासी तैयारियां हैं। पार्टी अब तक वर्चुअल तरीके से करीब 40 मीटिंग कर चुकी है, जिसे राष्ट्रीय नेताओं ने संबोधित किया है।
  • कांग्रेस 7 से लेकर 15 सितंबर के बीच बिहार की 88 विधानसभा सीटों पर महासम्मेलन भी कर चुकी है। साथ ही डिजिटल मेंबरशिप के जरिए करीब 5 लाख लोगों को जोड़ा गया है।

बाकी पार्टियांः किसी ने वॉट्सऐप ग्रुप बनाए, किसी ने आईटी टीम बैठाई

  • पिछले चुनाव में तीन सीटें जीतने वाली भाकपा (माले) ने भी करीब 50 हजार वॉट्सऐप ग्रुप बनाए हैं और इनके जरिए वोटरों तक अपनी बात पहुंचाने में लगी है।
  • वहीं, जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने तो दिल्ली की आईटी प्रोफेशनल टीम को वर्चुअल प्रचार के काम में लगा रखा है।

मोदी 6 वर्चुअल रैलियां कर चुके, तीन दर्जन और होंगी

  • 7 जून को गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार के 72 हजार बूथ कार्यकर्ताओं को वर्चुअल रैली के जरिए संबोधित किया था। 7 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली वर्चुअल रैली 'निश्चय संवाद' नाम से की थी। इसी दिन कांग्रेस ने भी एक रैली की थी।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने 10 सितंबर को पहली वर्चुअल रैली कर बिहार को पूरी तरह से चुनावी मोड में ला दिया है। चुनाव तारीखों के ऐलान के पहले ही मोदी योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के बहाने 6 वर्चुअल रैलियां कर चुके हैं।
  • माना जा रहा है कि इस चुनाव में मोदी करीब तीन दर्जन वर्चुअल रैलियां कर सकते हैं। वहीं, अमित शाह भी बड़ी संख्या में वर्चुअल रैलियों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा पार्टी ने हर विधानसभा के बड़े नेताओं को करीब 10 वर्चुअल रैलियां करने का टारगेट दिया है।
  • पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी ने 40 और अमित शाह ने 75 से ज्यादा रैलियां की थीं। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बिहार में मोदी ने 9 और अमित शाह ने 18 रैलियों को संबोधित किया था।


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