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Dainik Bhaskar

बिहार की राजधानी पटना में एक जगह है वीर चंद पटेल पथ। ये वो जगह है, जहां भाजपा का प्रदेश कार्यालय बना है। बिहार भाजपा के प्रदेश कार्यालय के मेन गेट से जब आप अंदर आएंगे, तो दाईं तरफ आपको एक पोर्टिको दिखेगा। पोर्टिको भी एक तरह से गेट ही होता है। पोर्टिको के अंदर से एक मेन गेट और है, इसकी दाहिनी तरफ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल का ऑफिस दिखेगा।

प्रदेश अध्यक्ष के दफ्तर जाने के भी दो रास्ते बने हैं। पहला तो सामने से ही है और दूसरा बाएं तरफ है। प्रदेश अध्यक्ष के दफ्तर के ठीक बगल में भाजपा ने बिहार चुनाव के लिए वॉर रूम तैयार किया है। इस वॉर रूम में अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग कैबिन बने हुए हैं। यहां चुनाव से जुड़े जरूरी या यूं कहें सबसे जरूरी काम हो रहे हैं।

इस पूरे वॉर रूम की जिम्मेदारी एक व्यक्ति को प्रभारी के रूप में दी गई है और यहां से चुनाव की सभी तैयारियों को आखिरी रूप दिया जा रहा है। भाजपा के वॉर रूम में 35 लोगों की टीम है, जो 12 घंटे काम कर रही है। उनके खाने-पीने की व्यवस्था पार्टी दफ्तर में ही हो रही है।

तो चलिए जानते हैं, भाजपा के इस वॉर रूम में जो अलग-अलग डिपार्टमेंट हैं, उनका क्या काम है...

वर्चुअल रैलियों की तैयारी
इस बार बिहार में बड़ी-बड़ी रैलियां तो नहीं होंगी। लिहाजा पार्टियां वर्चुअल रैलियों पर फोकस कर रही हैं। भाजपा ने काफी पहले से ही वर्चुअल रैलियों की शुरुआत कर दी थी। सबसे पहले जून में अमित शाह ने बिहार में वर्चुअल रैली की थी।

वर्चुअल रैली की तैयारियों को लेकर वॉर रूम में एक अलग सेगमेंट बनाया गया है, जिसमें आईटी से जुड़े लोग रैली की तैयारियों को देखते हैं। यहां बैठे लोग वर्चुअल रैलियां कब, कहां और कैसे करानी है, इसका पूरा प्लान तैयार करते हैं।

आने वाले समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भाजपा के कई बड़े नेताओं की वर्चुअल रैली भी होनी है, उसकी तैयारियां भी इसी वॉर रूम में हो रही हैं।

बड़े नेताओं के कार्यक्रम की तैयारी
वॉर रूम में एक सेगमेंट सिर्फ बड़े नेताओं के कार्यक्रम की तैयारी करने के लिए बनाया है। बिहार में चुनाव प्रचार के लिए भाजपा के केंद्रीय स्तर के बड़े नेता आएंगे। ऐसे में उनके रहने, खाने-पीने की व्यवस्था की जिम्मेदारी इस सेगमेंट के लोगों के ऊपर है। इसके साथ ही आने वाले नेता, जहां प्रचार करने जाएंगे, वहां की व्यवस्था भी यही लोग करेंगे।

प्रदेश स्तर के नेताओं के कार्यक्रम की तैयारी
इसके साथ ही एक कैबिन प्रदेश स्तर के नेताओं के कार्यक्रम तय करने के लिए भी बनाया गया है। यहां तय हो रहा है कि किस नेता का किस क्षेत्र में ज्यादा प्रभाव है। ऐसे क्षेत्रों में उनका कार्यक्रम तय किया जा रहा है। इन नेताओं को वहां जाकर जनसंपर्क करना है।

जातीय समीकरण देखने के लिए भी अलग कैबिन
कहा जाता है कि बिहार में रोटी, बेटी और वोट जाति देखकर ही दिया जाता है। बिहार की राजनीति में जाति ही बड़ा फैक्टर भी साबित होती है। इसलिए भाजपा ने अपने वॉर रूम में एक कैबिन ऐसा बनाया है, जिसका काम जातीय समीकरणों को देखते हुए उस जाति के नेताओं के कार्यक्रम तय करना है।

भाजपा के एक नेता को इसका प्रभारी बनाया गया है, जो ये तय करते हैं कि किस क्षेत्र में किस जाति का बड़ा वोट बैंक है और वहां उस जाति के बड़े नेता का कितना बड़ा प्रभाव है। इस वॉर रूम से ही तय होता है कि किस जाति के नेता को किस क्षेत्र में जाना है।

एक कैबिन इलेक्शन मैनेजमेंट और घोषणापत्र का
भाजपा के वॉर रूम में एक कैबिन इलेक्शन मैनेजमेंट और घोषणापत्र का है। मंत्री प्रेम कुमार की अध्यक्षता में एक टीम बनी है, जो घोषणापत्र पर काम कर रही है।

घोषणापत्र तैयार करने की अलग टीम
इसी तरह मंत्री मंगल पांडे की भी एक टीम है, जो अलग-अलग क्षेत्रों में चुनाव प्रचार कैसे किया जा रहा है, उन्हें किस तरह चुनाव प्रचार सामग्री चाहिए, चुनाव प्रचार करने वाली टीम को किस तरह की व्यवस्था चाहिए, इस पर काम कर रही है।

गोपनीय शाखा नाम से भी डिपार्टमेंट
भाजपा के वॉर रूम में एक गोपनीय शाखा नाम से डिपार्टमेंट भी है, जहां कोर टीम बैठकर चुनावी रणनीति तैयार करती है। विपक्षी पार्टियों को कैसे काउंटर करना है, सब यहीं से तय होता है। हालांकि, पार्टी नेताओं ने इस डिपार्टमेंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है।



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Bihar Assembly Election 2020/BJP War Room Update: Know What Are the Roles and Responsibilities? Update From Patna Office


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