Dainik Bhaskar
केन्या के वीरान पड़े मैदानों में छोटी-छोटी काले रंग की गेंदें यानी सीडबॉल्स हरियाली वापस लाने का काम कर रही हैं। चारकोल में लिपटे हुए बीजों को गुलेल और हेलिकॉप्टर की मदद से दूर तक फेंका जा रहा है। बारिश होने पर चारकोल मेंं मौजूद बीज से पौधे पनपने की शुरुआत होती है। 2016 में सीडबॉल्स केन्या नाम के ऑर्गेनाइजेशन की शुरुआत टेडी किन्यानजुई और एल्सन कार्सटेड ने की थी।
पिछले चार साल में करीब 11 करोड़ सीडबॉल्स बांटी जा चुकी हैं। इनका लक्ष्य स्कूल और लोगों के साथ मिलकर केन्या के मैदानों में जंगलों को वापस तैयार करना है। सीडबॉल को एक सफल प्रयोग माना गया और भारत समेत कई देशों में इससे हरियाली वापस लाने की कोशिश की जा रही है। सीडबॉल्स केन्या के को-फाउंडर टेडी कहते हैं कि अगले 5 सालों में केन्या में हरियाली दिखने लगेगी।
मिट्टी की बजाय चॉरकोल वाले सीड बॉल ज्यादा सुरक्षित
हर सीडबॉल में एक बीज होता है। इस बीज के ऊपर चारकोल को चढ़ाकर गेंद जैसा आकार दिया जाता है। ये आकार में एक सिक्के जितने होते हैं। टेडी कहते हैं कि इसे गर्म मौसम में मैदानों में फेंका जाता है। बीजों पर चारकोल को लगाने के पीछे एक बड़ा कारण है। केवल बीजों को छोड़ने पर उसे चिड़िया और दूसरे जीव खा जाते हैं। लेकिन, इस पर चारकोल लिपटा होने के कारण यह सुरक्षित रहता है। जब बारिश आती है तो बॉल में नमी बढ़ती है और बीज अंकुरित होना शुरू होता है। इस तरह बीज से पौधा तैयार हो जाता है।
कैसे हुई शुरुआत?
टेडी कहते हैं, एक पौधा अपने क्षेत्र में पौधों की मां की तरह होता है। इससे दूसरे बीजों को पनपने में मदद मिलती है। इन पौधों से निकलने वाले बीज नए पौधों को जन्म देते हैं। इसकी शुरुआत 2016 में स्कूली बच्चों के साथ मिलकर की गई, ताकि बीजों को स्कूल के मैदानों में छोड़ा जाए। बीजों को आसपास के बच्चों को बांटा गया, उन्होंने गुलेल की मदद से इसे दूर तक पहुंचाया।
इस काम को इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए बच्चों की बीच कॉम्पिटीशन शुरू किए गए। उन्हें गुलेल देकर बीजों को दूर तक पहुंचाने का टार्गेट दिया गया। इस तरह यह काम उनके लिए एक गेम की तरह बन गया, जिसे उन्होंने बखूबी पूरा किया।
जिन इलाकों में बीज पहुंचाना मुश्किल, वहां हेलिकॉप्टर की मदद ली गई
टेडी के मुताबिक, जिन दूर-दराज वाले इलाकों में बीजों को पहुंचाना आसान नहीं था, वहां हेलिकॉप्टर से सीडबॉल छोड़े गए। इस दौरान जीपीएस तकनीक से जाना गया कि कहां बीजों की जरूरत है, वहीं इन्हें छोड़ा गया। विमान में पैसेंजर की सीट की जगह सीट बॉल की बोरियां रखी गईं ताकि सही जगह और सही समय पर इसे पहुंचाया जा सके। इस तरह सिर्फ 20 मिनट में 20 हजार बीज छोड़े गए।
केन्या में हरियाली सबसे ज्यादा जरूरी
केन्या में जिराफ की संख्या तेजी से घटी है। 2016 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने जिराफ को लुप्त होने की कगार पर खड़े जानवरों की लिस्ट में शामिल किया था। इसकी सबसे बड़ी वजह पेड़ों की घटती संख्या को बताया गया।
टेडी कहते हैं, सीडबॉल में ऐसे पौधों के बीज हैं जो बेहद कम पानी में विकसित हो जाते हैं। जैसे- बबूल, यह तेजी से बढ़ता है। इसकी जड़ें मजबूत होने के कारण यह सूखे का सामना आसानी से कर सकता है। इससे मिट्टी का कटाव भी रोका जा सकता है। गांवों में रहने वाले केन्या के लाखों लोग मक्के पर निर्भर हैं। लगातार चारकोल का इस्तेमाल ईंधन के तौर पर करने के लिए जंगल काटे गए। नतीजा, यहां सूखे जैसे हालात बन गए।
अब किसानों की आमदनी बढ़ाने की तैयारी
टेडी कहते हैं कि अगले पांच साल में हरियाली दिखने लगेगी। हम कोशिश कर रहे हैं कि किसान ज्यादा से ज्यादा बीजों को तैयार करें, ताकि उनकी आमदनी और बढ़े। टेडी और एल्सन की संस्था सीडबॉल केन्या बीजों को केन्या फॉरेस्ट्री रिसर्च इंस्टीट्यूट से वेरिफाई कराने के बाद ही इन पर चारकोल की लेयर चढ़ाती है।
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