Dainik Bhaskar
तारीख 14 सितंबर थी। देर शाम सीएम योगी आगरा मंडल के विकास कामों की समीक्षा कर रहे थे। उनके सामने सपा सरकार के प्रोजेक्ट मुगल म्यूजियम के अधर में लटके होने का मुद्दा उठा तो उन्होंने साफ कह दिया कि नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों का कोई स्थान नहीं। हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं। उन्होंने मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद से विवाद जारी है।
इतिहासकारों ने भी सीएम योगी के निर्णय पर ऐतराज जताया तो वहीं, अब मुगलों के आखिरी वंशज होने का दावा करने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा है कि अगर सरकार ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलने का फैसला कर लिया है तो हम खुद आगरा में एक हजार गज की जमीन पर मुगलों का म्यूजियम बनाएंगे। आप जान लीजिए कि मुगलों पर उनका जो फैसला है, उससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। आगरा को लोग दुनिया भर में ताज की वजह से जानते हैं।
खाड़ी देशों में हो रही चर्चा, मोदी का नाम खराब कर रहे योगी
हैदराबाद में रहने वाले प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी ने सीएम योगी के फैसले को गलत ठहराया है। कहा कि यह बस आपसी सद्भाव को खत्म करने वाला फैसला है। इस फैसले से बस पीएम मोदी का नाम दुनिया भर में खराब हो रहा है। लोग जानते है कि यह फैसला सिर्फ दो समुदायों में आपसी मतभेद फैलाना है। लोग यूएस में, यूके में, खाड़ी देशों में इसी की बात कर रहे हैं। आखिर इससे दूसरे देशों में क्या प्रभाव जा रहा है? यह सोचना चाहिए।
प्रिंस तुसी कहते हैं कि हमें शिवाजी महाराज के नाम पर आपत्ति नहीं है। लेकिन, उनका कनेक्शन आगरा से जब है नहीं तो उनका म्यूजियम क्यों बनाया जाए? ताजमहल से निकल कर पर्यटक मुगलों के बारे में जानना चाहेगा न कि शिवाजी के बारे में।
मैं पीएम मोदी को इस बारे में चिट्ठी भी लिखूंगा। मैं उन्हें चिट्ठी में बताऊंगा कि पीएम मोदी की जो इमेज पूरी दुनिया में है, वह ऐसे लोगों की वजह से खराब होती है। मैं भाजपा को सपोर्ट नहीं करता बल्कि मैं पीएम मोदी को सपोर्ट करता हूं। क्योंकि उन्होंने अपने कामों से दुनिया भर में हिंदुस्तान का नाम रोशन किया है।
सीएम योगी के कहने से क्या मुगल हीरो नहीं रहेंगे?
सवाल उठाते हुए प्रिंस याकूब कहते हैं कि क्या सिर्फ सीएम योगी के कहने से मुगल हीरो नहीं रह जाएंगे? मुगलों को हीरो बताने की जरूरत नहीं है, वह हीरो हैं और रहेंगे। शाहजहां हुए, अकबर हुए उनके बारे में सब जानते हैं कि उन्होंने सबके लिए क्या किया है? बहादुरशाह जफर की कुर्बानी के बारे में दुनिया जानती है। यूपी में गरीबी है, कोरोना है, लोग बेरोजगार है, सीएम को इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि इतिहास को बदलने की कोशिश करें।
राम मंदिर के लिए दूंगा सोने की ईंट
तूसी ने बताया कि मैंने वादा किया था कि रामलला के लिए मैं सोने की ईंट दूंगा, जिसके लिए मैंने पीएम का समय मांगा है। जैसे ही समय मिलेगा मैं सोने की ईंट उन्हें सौंपूगा। अयोध्या रामलला की थी तो वहां से मैंने मुगल का आखिरी वंशज होने के नाते बाबरी मस्जिद का दावा वापस लेने की बात कही थी। अब मैं अपने पैसों से हैदराबाद में एक मस्जिद बना रहा हूं। साथ ही किसी की भावना को ठेस न पहुंचे, इसलिए उसका नाम बाबर नहीं बल्कि बहादुर शाह जफर के नाम पर होगा।
कौन है प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी?
प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी खुद को मुगलों का वंशज बताते हैं। हैदराबाद के रहने वाले प्रिंस तुसी कहते है कि बहादुर शाह जफर की वह छठी पीढ़ी से है। ताजमहल को अपनी संपत्ति बताकर चर्चा में आए प्रिंस ने बाबरी मस्जिद पर भी अपना दावा ठोका था। यही नहीं प्रिंस तुसी का दावा है कि हैदराबाद की कोर्ट ने उनकी डीएनए रिपोर्ट को सही माना है और उन्हें प्रिंस का तमगा दिया है।
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