Dainik Bhaskar
नगर निगम इंदौर ने अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए पहली बार 96 पर्यावरण हितैषी कुंड बनाए। बड़ी प्रतिमाओं का बुधवार सुबह से जवाहर टेकरी पर विसर्जन किया जाना था, लेकिन मंगलवार को दिन में ही सभी स्थान भर गए। इस पर मंगलवार से ही विसर्जन शुरू कर दिया गया। शाम तक 30 डंपर से ज्यादा प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। निगम ने 85 वार्ड में एक-एक स्थान पर पर्यावरण हितैषी कुंड बनाए थे। इसके अलावा 11 कुंड अतिरिक्त थे।
बप्पा और तापी दोनों खुश
इस वर्ष अनंत चतुर्दशी पर श्रद्धा का वह ज्वार नहीं देखने को मिला जो हर वर्ष शहर में देखने को मिलता था। कारण, कोविड-19 महामारी के चलते गुजरात सरकार की तरफ से सख्त निर्देश थे कि लोग दो फीट की मूर्तियों की स्थापना घर पर ही करें। साथ ही सार्वजनिक रूप से विसर्जन की अनुमति भी नहीं थी। ऐसे में सूरत के लोगों ने संयम का परिचय देते हुए अपने घरों और सोसाइटियों में श्रीजी को अंतिम विदाई दी। तस्वीर गुंदी शेरी के रतनजी खांचा की है। जहां स्वीमिंग पूल में श्रीजी की मूर्ति का विसर्जन किया गया।
10 दिन बाद बप्पा की विदाई
दस दिनों तक गणेश जी की भक्ति और सेवा के बाद भक्तों ने उनकी प्रतिमाओं को तो विसर्जित कर दिया, लेकिन उन्होंने भरे मन से गणपति से हाथ जोड़ कर अगले बरस जल्दी आने की भी भावपूर्ण प्रार्थना की। विसर्जन से पहले उनकी पूजा-आरती भी की और जमकर जयकारे लगाए। भोपाल में नामदेव परिवार की बिटिया ने नन्हे हाथों से मिट्टी के गणेश जी का विसर्जन किया।
25 साल इंतजार के बाद की फोटो क्लिक
फोटो उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे रामनगर इलाके की है। यहां रिहायशी इलाके से महज 500 मीटर की दूरी पर एक बाघिन गाय का शिकार करते दिखाई दी। वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर मुकेश चंद्र यादव और अभिनव मल्होत्रा ने इन दुर्लभ तस्वीरों को कैमरे में कैद किया। मुकेश का दावा है कि इन तस्वीरों को क्लिक करने के लिए उन्हें 25 साल तक इंतजार करना पड़ा। इस बीच, सैकड़ों जंगल घूमे। हर दिन 8 से 10 घंटे जंगल किनारे इंतजार करते हुए बिताए। लेकिन 30 अगस्त को आखिरकार वह शॉट मिल गया, जिसके लिए वे सालों से इंतजार कर रहे थे।
पुल की टूटी रेलिंग, उखड़ा डामर
पिछले तीन दिनों से उफन रही नर्मदा मंगलवार को शांत होने लगी है। करीब 60 घंटे बाद मंगलवार सुबह 10 बजे मोरटक्का पुल नजर आया। पानी उतरने के साथ ही बर्बादी के वो निशान भी नजर आए जो नर्मदा अपने पीछे छोड़ गई थी। पुल के दोनों तरफ की रेलिंग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त थी। पुल पर जगह-जगह डामर के बड़े बड़े टुकड़े उखड़े हुए नजर आए। कुछ स्थानों पर तो डामर के करीब 20 फिट बाय 6 फिट तक का पूरा पेच उखड़कर एक तरफ पड़ा हुआ मिला। पेड़ की बड़ी-बड़ी शाखाएं रेलिंग में अटकी हुई थी।
14 हजार यूनिट ग्रीन ऊर्जा बनाएगा
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर ट्री लगाया गया है। इस पेड़ पर कुल 35 सोलर प्लेटें लगाई गई हैं। इस पेड़ की लागत 7.5 लाख रुपए है। लेकिन दावा है कि इससे करोड़ों रुपए की आमदनी भी होगी। यह पेड़ एक साल में 12 से 14 हजार यूनिट ग्रीन ऊर्जा का उत्पादन करेगा, जो वातावरण में कार्बन को जाने से भी रोकेगा। केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान दुर्गापुर ने अपनी आवासीय कॉलोनी में इसे लगाया है।
40 थानों में 1168 गाड़ियां जंग खाकर कंडम
फोटो भोपाल के एमपी नगर थाने में जब्त खड़े कंडम वाहनों की है। वाहनों से बड़े होते ये पौधे इन वाहनों की हालत बयां कर रहे हैं। राजधानी के 40 थानों में ऐसे 1168 वाहन जंग खाकर कंडम होने की कगार पर हैं। पांच महीने पहले ही भोपाल पुलिस ने 860 वाहनों को नीलाम कर सरकार के खाते में 24.93 लाख रुपए जमा करवाए। यानी हर वाहन औसतन 2898 रुपए का बिका। फिलहाल थानों में खड़े वाहनों को यदि कबाड़ के भाव से भी बेचा जाए तो सरकार के खाते में करीब 34 लाख रुपए का राजस्व जमा हो सकता है।
पिंजौर-परवाणू बाईपास का नजारा
आजकल पहाड़ों में न ज्यादा सर्दी है और न गर्मी। मौसम इतना शानदार रहता है कि मानों यहीं बस जाएं। पिंजौर-परवाणू बाईपास पर भी कुछ ऐसा ही नजारा था। यहां बाइकर्स की टोली पहाड़ों की सैर पर निकली हुई थी। कुछ युवा साइकिलों पर गेड़ी मार रहे थे। कभी धूप आ रही थी तो कभी घने काले बादल।
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