Dainik Bhaskar
पूरी दुनिया इस समय कोरोनावायरस के दूसरे फेज का सामना कर रही है। कम होकर फिर केस बढ़ने लगे हैं। यूरोप में दोबारा लॉकडाउन की नौबत आ गई है। वहीं, दूसरी ओर कोरोना के खिलाफ उम्मीद की किरण बन रहे वैक्सीन भी अप्रूवल की स्टेज के करीब पहुंच रहे हैं।
भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने मिलकर जो स्वदेशी वैक्सीन-कोवैक्सिन बनाया है, उसके फेज-3 ट्रायल्स अक्टूबर में शुरू होने की तैयारी है। इस बीच, भारत में ड्रग रेगुलेटर ने कोरोना वैक्सीन के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार यदि कोई वैक्सीन अपने ट्रायल्स में 50% भी इफेक्टिव साबित होता है तो उसे अप्रूवल दे दिया जाएगा।
आइए, जानते हैं इस समय देश-दुनिया में कोविड-19 वैक्सीन डेवलपमेंट किस स्टेज में है-
30 हजार लोगों पर होंगे कोवैक्सिन के फेज-3 ट्रायल्स
- भारतीय वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सिन की सेफ्टी और इफेक्टिवनेस की जांच के लिए फेज-3 ट्रायल्स अक्टूबर में शुरू करने की योजना बनाई है। कंपनी का प्लान 25 से 30 हजार लोगों पर फेज-3 ट्रायल्स करने का है।
- इस समय कोवैक्सिन फेज-2 ट्रायल्स से गुजर रही है। भारत बायोटेक ने फेज-1 पूरा कर लिया है और इसका डेटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) को सौंप दिया है। भारत बायोटेक ने अपनी रिस्क पर हैदराबाद में अपने दो बायोसेफ्टी सेफ्टी लेवल (बीएसएल)-3 फेसिलिटी पर प्रोडक्शन शुरू कर दिया है।
- भारत बायोटेक में क्वालिटी ऑपरेशंस में प्रेसिडेंट साई प्रसाद ने कहा कि मौजूदा क्षमता 100-200 मिलियन डोज की है। कंपनी कोवैक्सिन को पार्टनर साइट्स पर मैन्युफैक्चर करने की संभावनाओं पर काम कर रही है। इसके लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर एग्रीमेंट किए जा सकते हैं। कंपनी इस समय 4-5 देशों में कोवैक्सिन को मैन्युफैक्चर करने की संभावनाओं को टटोल रही है। वह कम से कम एक बिलियन डोज सालाना बनाने की क्षमता विकसित करना चाहती है।
भारत बायोटेक ने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल से एग्रीमेंट किया
- भारत बायोटेक ने 23 सितंबर को वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन, सेंट लुइस से कोविड-19 के लिए नोवल चिम्प-एडेनोवायरस सिंगल डोज इंट्रा-नैजल वैक्सीन को लेकर लाइसेंसिंग एग्रीमेंट पर साइन किए हैं। इस एग्रीमेंट के तहत भारत बायोटेक को अमेरिका, जापान और यूरोप छोड़कर अन्य मार्केट्स में वैक्सीन डिस्ट्रिब्यूट करने के अधिकार मिल गए हैं। इस वैक्सीन के फेज-1 ट्रायल्स सेंट लुइस यूनिवर्सिटी के वैक्सीन एंड ट्रीटमेंट इवैल्यूशन यूनिट में शुरू होंगे।
डीसीजीआई ने वैक्सीन को लेकर गाइडलाइन जारी की
- डीसीजीआई ने कोविड-19 वैक्सीन विकसित कर रही फार्मा कंपनियों के लिए सेफ्टी, इम्युनोजेनेसिटी और इफेक्टिवनेस के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। नई गाइडलाइन के तहत यदि कोई वैक्सीन फेज-3 ट्रायल्स में 50% इफेक्टिवनेस भी दिखाती है तो उसे मंजूरी दे दी जाएगी।
- इस गाइडलाइन में कोविड-19 वैक्सीन बना रही एजेंसियों के लिए यह स्पष्ट किया गया है कि अप्रूवल के लिए कम से कम क्या होना चाहिए। दरअसल, आम तौर पर वैक्सीन के लिए जो गाइडलाइन होती है, उसमें नरमी लाते हुए कोविड-19 के वैक्सीन की गाइडलाइन बनाई है। ताकि जल्द से जल्द यह वैक्सीन उपलब्ध हो सके।
- आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि रेस्पिरेटरी वायरस के लिए हमें 100% इफेक्टिवनेस कभी नहीं मिलती। हम 100% इफेक्टिवनेस तलाश रहे हैं लेकिन यदि 50-100 प्रतिशत इफेक्टिवनेस भी काफी होगी।
मुंबई के केईएम हॉस्पिटल में कोवीशील्ड वैक्सीन के ट्रायल्स शुरू
- मुंबई किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) हॉस्पिटल में बुधवार को ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन-कोवीशील्ड के ट्रायल्स शुरू हुए। वैक्सीन ट्रायल्स के लिए महाराष्ट्र एथिक्स कमेटी ने अनुमति दे दी है।
- केईएम हॉस्पिटल के डीन डॉ. हेमंत देशमुख का कहना है कि हॉस्पिटल ने ट्रायल्स के लिए वॉलेंटियर्स को स्क्रीन करना शुरू कर दिया है। अस्पताल में 100 वॉलेंटियर्स पर ट्रायल्स होंगे। मुंबई के बीवायएल नायर हॉस्पिटल को भी ट्रायल्स की मंजूरी मिल गई है।
- ट्रायल्स के हिस्से के तौर पर वॉलेंटियर्स का पहले आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा। इसके बाद उन्हें वैक्सीन लगाया जाएगा। कोवीशील्ड के ट्रायल्स पुणे में भी हो रहे हैं। पुणे के सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका से कोवीशील्ड के मैन्युफैक्चरिंग के लिए पार्टनरशिप की है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा- दो-तिहाई आबादी कोवैक्स से जुड़ी
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि नोवल कोरोनावायरस के खिलाफ वैक्सीन का बराबरी से डिस्ट्रिब्यूशन सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई पहल कोवैक्स फेसिलिटी में अब दुनिया की दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली 156 अर्थव्यवस्थाएं शामिल हो गई हैं।
- इसमें 64 हायर-इनकम इकोनॉमी शामिल हैं। यह अपने लिए वैक्सीन खुद खरीदेंगी। वहीं, 92 लो और मिडिल इनकम इकोनॉमी को कोवैक्स एडवांस मार्केट कमिटमेंट के तहत सपोर्ट हासिल करेंगी।
187 वैक्सीन बन रहे हैं दुनियाभर में
- डब्ल्यूएचओ के कोविड-19 वैक्सीन कैंडीडेट ड्राफ्ट लैंडस्केप के अनुसार, इस समय दुनियाभर में 187 वैक्सीन विकसित हो रहे हैं। इनमें नौ वैक्सीन फेज-3 यानी अंतिम दौर के ट्रायल्स में हैं। इन्हें मिलाकर 38 वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल्स के फेज-1, फेज-2 और फेज-3 में हैं। वहीं, 149 वैक्सीन प्री-क्लिनिकल स्टेज में हैं।
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