Header Ads



Dainik Bhaskar

पंकज रामाणी। आमतौर पर डायमंड के बिजनेस में पुरुष ही ज्यादा शामिल रहे हैं। लेकिन, सूरत की दो दिव्यांग महिलाएं पिछले कुछ सालों से हीरे के कारोबार में धूम मचा रही हैं। सरथाणा-सीमाणा इलाके में हरि कृष्णा एक्सपोर्ट हीरा कंपनी में काम कर रही काजल बेन सोरठिया और अमिता बेन शांतिलाल आज अच्छी खासी कमाई कर रही हैं।

सौराष्ट्र के चितल गांव की रहने वाली काजलबेन सोरठिया ने 12वीं के बाद एनिमेशन का कोर्स किया। वो कहती हैं, 'सूरत में इस कोर्स का स्कोप कम था। इसी बीच पापा की डेथ भी हो गई। परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। चाचा ने कहा कि डायमंड बिजनेस में तुम्हारी क्रिएटिविटी का उपयोग हो सकता है।'

काजलबेन सोरठिया और अमिताबेन शांतिलाल दोनों दिव्यांग हैं।

काजल बेन बताती हैं कि शुरुआत में थोड़ी हिचकिचाहट हुई, लेकिन परिवार में छोटे भाई की देखरेख की जिम्मेदारी भी थी। फिर मैंने काम सीखना शुरू किया। अब पिछले सात साल से डायमंड का काम कर रही हूं। महीने के 60 से 70 हजार रुपए कमा लेती हूं।

प्रधानमंत्री ने सम्मान किया, वो पल कभी नहीं भूल सकतीं : काजल बेन

हरि कृष्णा एक्सपोर्ट कंपनी में डायमंड की गैलेक्सी-क्यूसी का काम करने वाली अमिता बेन शांतिलाल इसके पहले कॉन्ट्रैक्ट बेस पर सरकारी स्कूल में काम करती थी।

काजल बेन ने बताया कि दो साल पहले कंपनी ने लॉयल्टी स्कीम के तहत कई कर्मचारियों को कार गिफ्ट की। उस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां आए थे। मुझे कंपनी की ओर से प्रधानमंत्री के हाथों ही कार की चाबी मिली थी। प्रधानमंत्री से मिलना मेरे लिए गौरव का पल था। मैं उस पल को जिंदगी में कभी नहीं भूल सकती।

जॉब मेरी हिम्मत है: अमिताबेन

हरि कृष्णा एक्सपोर्ट कंपनी में डायमंड की गैलेक्सी-क्यूसी का काम करने वाली अमिताबेन शांतिलाल बताती हैं कि पीटीसी, बीए करने के बाद पहले मैं कॉन्ट्रैक्ट बेस पर सरकारी स्कूल में काम करती थी। हालांकि, कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने की झंझट थी। इसी बीच हरि कृष्णा कंपनी में जगह होने की बात पता चली।

मैंने एप्लाई किया तो सेलेक्शन हो गया। यहां मैंने एक वर्ष तक डायमंड से जुड़े सभी काम की ट्रेनिंग ली और इस दौरान कंपनी के सभी विभाग में काम किया। ब्लॉकिंग, ट्रेडिंग, ट्रिपल एक्स जैसे विभाग के काम सीखने के बाद अब क्यूसी डिपार्टमेंट में काम कर रही हूं। जॉब मेरी पहले से ही हिम्मत रही है। इसीलिए शादी के बाद भी जॉब नहीं छोड़ी।

हर महिला को अपने हुनर का उपयोग करना चाहिए : काजलबेन

काजलबेन पिछले सात साल से डायमंड बिजनेस में काम कर रही हैं। महीने के 60 से 70 हजार रुपए कमा लेती हैं।

काजलबेन कहती हैं कि हर महिला में कोई न कोई क्रिएटिविटी होती है। डायमंड बिजनेस में तो क्रिएटिविटी ही सबकुछ है और महिलाओं से बेहतर इसे और कौन समझ सकता है। इसीलिए इस फील्ड में महिलाओं के लिए काफी स्कोप है। वहीं, अमिताबेन कहती हैं कि हम दिव्यांग हैं लेकिन हम अपने काम में परफेक्ट हैं।

जो काम पुरुष कर सकते हैं, वह महिला क्यों नहीं कर सकती: सवजीभाई

हरि कृष्णा कंपनी के मालिक सवजीभाई धोलकिया कहते हैं कि भगवान ने सभी को ताकत और टैलेंट दिया है। बस व्यक्ति को उसका उपयोग करना आना चाहिए। जो काम पुरुष कर सकते हैं, वे महिलाएं क्यों नहीं कर सकतीं। आज कंपनी में कई महिलाएं काम कर रही हैं। हमने इन पर विश्वास रखा और उन्होंने अपने आपको साबित भी कर दिखाया।

ये भी पढ़ें :

1. नीदरलैंड से खेती सीखी, सालाना 12 लाख टर्नओवर; देश के पहले किसान, जिसने धनिया से बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

2. 24 साल की उम्र में शुरू किया स्मार्ट टीवी का बिजनेस, आज भारत की सबसे अमीर सेल्फमेड वुमन हैं, 1200 करोड़ रु है नेटवर्थ

3. सड़क किनारे अचार बेचकर करोड़पति कैसे बनीं कृष्णा यादव, आज 4 कंपनियों की मालकिन, टर्नओवर 4 करोड़ रुपए से ज्यादा



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Two handicapped women become self-sufficient in men's business diamond business


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3kkMipu

No comments

If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....

Powered by Blogger.