Header Ads



Dainik Bhaskar

आखिरकार बिहार में गठबंधनों में बंटवारा हो ही गया। कौन कहां से लड़ेगा, एनडीए ने तो ये भी तय कर लिया है। टिकट भी बंटने लगे हैं। और हर बार की तरह इस बार भी परिवारों का भी खास ख्याल रखा जा रहा है। किसी का बेटा, किसी की बेटी तो किसी की पत्नी को टिकट बंटने शुरू हो गए हैं। ऐसे कुछ रसूखदार परिवारों को टिकट मिल भी गए हैं। आइए जानते हैं बिहार के कुछ ऐसे ही परिवार और उनकी राजनीति को...

जयप्रकाश नारायण यादव की बेटी राजनीति में नई
आरजेडी ने लालू यादव के बेहद करीबी नेता जयप्रकाश नारायण यादव की बेटी दिव्या प्रकाश को टिकट दिया है। वे तारापुर से चुनाव लड़ेंगी। दिव्या प्रकाश की खुद की कोई राजनीतिक पहचान तो नहीं है, लेकिन पिता की हैसियत का फायदा उन्हें मिला है। जयप्रकाश नारायण यादव केन्द्र में जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं और बिहार सरकार में भी शिक्षा जैसे विभाग के चर्चित मंत्री रहे। बांका, जमुई, मुंगेर की राजनीति को खूब प्रभावित करते रहे हैं।

बेटे सुधाकर को चुनाव हराने में पिता की थी बड़ी भूमिका
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को राजद ने टिकट दिया है। वो रामगढ़ से चुनाव लड़ेंगे। इस सीट से कई बार जगदानंद चुनाव जीत चुके हैं। जगदानंद सिंह अपने ही किस्म के नेता हैं और वे अपनी छवि का खासा ख्याल रखते हैं। साल 2009 में अपने बेटे को टिकट देने का विरोध जगदानंद सिंह ने किया था। तब बेटे ने बगावत करते हुए भाजपा का कमल थाम लिया। जगदानंद हिले नहीं और उन्होंने राजद के लिए चुनाव प्रचार किया। बेटा चुनाव हार गया। इस बार जगदानंद सिंह ने बेटे को टिकट देने पर कोई विरोध नहीं किया है। अब जगदानंद सिंह बेटे के लिए प्रचार भी कर सकते हैं और बतौर राजद प्रदेश अध्यक्ष, बेटे को जिताना उनके लिए जरूरी भी होगा।

जगदानंद सिंह रसूख वाले नेता रहे हैं। जल संसाधन विभाग हो या वन विभाग उनका अपना अनुशासन रहा है। वो सांसद भी रहे। जगदानंद सिंह ने जब बेटे को टिकट देने का विरोध किया था, तब यह बात सामने आई थी कि वो लालू प्रसाद को वंशवाद नहीं अपनाने का मैसेज दे रहे हैं और दूसरा यह कि बेटे को टिकट जगदानंद सिंह की वजह से नहीं, उसकी अपनी पहचान से मिले। अ‍ब लालू प्रसाद को इससे क्या और कितना मैसेज गया यह तो खूब दिखा। हां, जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर ने राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में पहचान जरूर बनाई।

राहुल तिवारी को दादा-पिता से मिली विरासत, चुनाव जीते
शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी को शाहपुर से राजद ने टिकट दिया है। वो यहां से सिटिंग एमएलए हैं। शिवानंद तिवारी, पहले नीतीश कुमार के साथ रहे और अब लालू प्रसाद के साथ हैं। पिछली बार जब राजद ने राहुल तिवारी को टिकट दिया था, तब पहली बार राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में उनका नाम लोगों ने सुना था। शिवानंद तिवारी छात्र जीवन में लालू प्रसाद के साथ रहे, बल्कि लालू प्रसाद को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका रही। इसलिए लालू प्रसाद हों या नीतीश कुमार, दोनों शिवानंद को सम्मान देते हैं। राहुल तिवारी के दादा रामानंद तिवारी भी सांसद-विधायक रह चुके थे। इसलिए राहुल तिवारी की राजनीति की विरासत मजबूत है।

कांति सिंह, लालू की खास रहीं, अब बेटे को टिकट मिला
कांति सिंह के बेटे ऋषि सिंह को राजद ने ओबरा से टिकट दिया है। कांति सिंह, लालू प्रसाद के नजदीकी नेताओं में गिनी जाती रही हैं। विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक जीतने वाली महिला नेत्री हैं। वो राज्य में मंत्री रहीं और फिर केन्द्र में भी। इसलिए राजद के अंदर उनका रसूख है। इसका फायदा बेटे को मिला है।

बाहुबली अजय यादव की पत्नी और अब बेटे को टिकट
कुंती देवी के बेटे अजय यादव को भी राजद ने टिकट दिया है। अजय के पिता राजेन्द्र यादव बाहुबली विधायक थे। बाद में यहां से कुंती देवी को टिकट दिया गया और वे विधायक बनीं। इनके बेटे अजय यादव अतरी से चुनाव लड़ेंगे। यानी पिता और मां की ताकत का फायदा अजय यादव को मिलेगा।

श्रेयसी सिंह की अपनी अलग पहचान भी है
ऐसा नहीं है कि नेताओं के रसूख का लाभ सिर्फ राजद ही लेने में लगा है। भाजपा ने स्वर्गीय दिग्विजय सिंह और पुतुल सिंह की बेटी को जमुई से टिकट दिया है। बेटी श्रेयसी सिंह राजनीति में खुद कभी नहीं रही। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर की निशानेबाज है। इस नाते उनका नाम लोगों में जाना-पहचाना है। उन्होंने पिता और मां से अलग हटकर अपनी छवि बनाई। पिता दिग्विजय सिंह केन्द्र में मंत्री रहे और मां पुतुल सिंह सांसद रहीं। दिग्विजय सिंह के संबंध देश के बड़े नेताओं से बहुत अच्छे थे और इस लिहाज से बड़े नेता परिवार की बेटी हैं श्रेयसी सिंह।

पिछले चुनाव में भी राजनीतिक परिवारों से उतरे थे उम्मीदवार

भाजपाः राणा रणधीर सिंह पूर्व सांसद सीताराम सिंह के बेटे हैं। पिछले चुनाव में राणा ने भाजपा के टिकट से राजद के शिवाजी राय को हराया था। विवेक ठाकुर भाजपा के उपाध्यक्ष सीपी ठाकुर के बेटे हैं, जो राजद के शंभूनाथ यादव से हार गए थे। बांकीपुर से विधायक नितिन नवीन भी भाजपा नेता रहे नवीन किशोर सिन्हा के बेटे हैं। भाजपा नेता गंगा प्रसाद के बेटे संजीव चौरसिया, मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित सारस्वत, छेदी पासवान के बेटे रवि पासवान समेत इस फेहरिस्त में कई नाम हैं।

जदयूः मंत्री महेश्वर हजारी पूर्व विधायक रामसेवक हजारी के बेटे हैं। जदयू में शामिल तीन विधायक चंद्रिका राय, जयवर्धन यादव और फराज फातमी भी वंशवाद का हिस्सा हैं। चंद्रिका राय पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय के बेटे हैं, जयवर्धन यादव स्व. राम लखन सिंह यादव के पोते हैं और फराज फातमी पूर्व केंद्रीय मंत्री एएएम फातमी के बेटे हैं। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी कांग्रेस नेता रहे महावीर चौधरी के बेटे हैं।

राजदः पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव के दो बेटे हैं और दोनों ने ही पिछले चुनाव से राजनीति में कदम रखा। बड़े बेटे तेजप्रताप महुआ से और छोटे बेटे तेजस्वी राघोपुर से जीते थे। वहीं, पिछले साल लोकसभा चुनाव में लालू की बेटी मीसा भारती भी खड़ी हुई थीं, लेकिन हार गई थीं।

कांग्रेसः बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा पूर्व मंत्री नागेंद्र झा के बेटे हैं। वहीं, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुमार पूर्व मंत्री बालेश्वर राम के बेटे हैं। विधायक भावना झा कांग्रेस नेता रहे युगेश्वर झा की बेटी हैं। विधायक राजेश कुमार दिलकेश्वर राम के बेटे हैं।

लोजपाः रामविलास पासवान की राजनीति भी परिवारवाद की राजनीति पर केंद्रित है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान रामविलास के बेटे हैं। प्रिंस राज रामविलास के भतीजे हैं। वहीं, पिछली बार रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस अपने गढ़ अलौली से राजद के चंदन कुमार से हार गए थे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Nepotism In Bihar Election 2020 Update | Jayaprakash Narayan Yadav Daughter Divya Prakash (Tarapur), RJD Bahubali MLA Ajay Yadav Wife and Shivanand Tiwari's son Rahul


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3jG6guk

No comments

If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....

Powered by Blogger.