Header Ads



Dainik Bhaskar

भारत में फ्लोरोसिस एक बड़ी बीमारी है, लेकिन हाल ही में सरकार ने लोकसभा में बताया कि देश में फ्लोरोसिस के मामले घट रहे हैं। फ्लोरोसिस ज्यादा फ्लोराइड वाला पानी पीने से होती है। इससे दांत और हड्डियां टेढ़ी हो जाती हैं। उत्तर प्रदेश में सोनभद्र के 296 गांवों में हजारों लोग इस बीमारी के शिकार हैं, इनमें से हर साल सैकड़ों की मौत होती है। इस इलाके में पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा जरूरत से ज्यादा पाई जाती है। सरकार पिछले कई सालों से शुद्ध पानी उपलब्ध करवाने का दावा कर रही है, लेकिन अभी तक ऐसा हो नहीं पाया।

इंडिया वाटर पोर्टल के मुताबिक, फ्लोरोसिस होने के बाद किसी भी व्यक्ति के लिए दोबारा सामान्य जिंदगी जीना मुश्किल होता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि बेहतर यह है कि फ्लोरोसिस होने ही न दिया जाए। इंडिया साइंस वायर के मुताबिक, सिर्फ दूषित पानी से ही फ्लोरोसिस नहीं होता है, हमें पानी के अलावा भी बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

फ्लोरोसिस से बचने के 7 तरीेके-

1. पानी की जांच

पानी के नमूने में जांच के लिए इस्तेमाल होने वाले कैमिकल को मिलाएं, यदि इससे पानी का रंग पीला हो जाता है, तो इसका मतलब है कि पानी में फ्लोराइड की मात्रा बहुत ज्यादा है। यदि यह गुलाबी हो जाता है तो साफ है कि पानी में फ्लोराइड कम है।

2. खून और यूरिन की जांच

खून में फ्लोराइड की मौजूदगी से पता चलता है कि फ्लोराइड आपके शरीर में प्रवेश कर गया है। अगर यह मात्रा 0.05एमजी/1 है, तो यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए खून और यूरिन की जांच कराएं।

3. लक्षण दिखने पर एक्सरे कराएं

एक्सरे की मदद से स्केलेटल फ्लोरोसिस का पता लगाया जा सकता है। हमें खास तौर पर लंबी हड्डियों का एक्सरे कराना चाहिए और उन हड्डियों का भी, जिनमें बीमारी का असर दिखाई देता हो।

4. फिल्टर पानी पीएं

पीने के पानी के लिए फ्लोराइड हटाने वाले फिल्टर का इस्तेमाल करें। एक्टिवेटेड एल्युमिना का इस्तेमाल करने वाले फिल्टर से फ्लोराइड हटाया जा सकता है। आइएनआरइएम फाउंडेशन द्वारा तैयार फिल्टर में जीरो-बी होता है, जो किसी भी बैक्टीरिया को हटा सकता है।

5. बारिश का पानी जमा करें

बारिश के पानी में बहुत कम या न के बराबर फ्लोराइड पाया जाता है। इसलिए हम बरसात के दिनों में छत पर गिरने वाले पानी को एक टैंक में जमा कर सकते हैं। इसे बाद में फिल्टर करके पिया जा सकता है। इसके अलावा यदि बारिश के पानी को कहीं जमा करते हैं, तो जमीन से निकलने वाले पानी की क्वालिटी भी बेहतर होती है।

6. पानी की जांच कराएं

घर में पीने के पानी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले विकल्प जैसे नल, नलकूप, कुआं की फ्लोराइड से जुड़ी जांच कराएं। इससे निकलने वाले पानी को आप फिल्टर करके भी पी सकते हैं।

7. कैल्शियम और विटामिन सी युक्त डाइट

यदि कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन-सी युक्त भोजन नहीं कर रहे हैं, तो फ्लोरोसिस की आशंका बढ़ जाती है। डॉक्टर की सलाह से आप मेडिकल सप्लीमेंट भी ले सकते हैं, जिसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन डी-3 और जिंक मौजूद हों। विटामिन सी का सप्लीमेंट अलग से ले सकते हैं।

फ्लोरोसिस के लक्षण क्या हैं ?

इंडिया वाटर पोर्टल के मुताबिक, फ्लोरोसिस के लक्षण बहुत ही साफ दिखाई देते हैं। दांतों में अधिक पीलापन, हाथ और पैर का आगे या पीछे की ओर मुड़ जाना, घुटनों के आसपास सूजन, झुकने या बैठने में परेशानी, जोड़ों में दर्द और पेट भारी रहना फ्लोरोसिस के मुख्य लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देर किए डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए।

फ्लोरोसिस होने का कारण सिर्फ पानी ही नहीं

पिछले साल पश्चिम बंगाल के चार फ्लोराइड प्रभावित गांवों में एक सर्वे किया गया। इंडिया साइंस वायर के मुताबिक, इस सर्वे में फ्लोराइड से दूषित पानी पीने के बावजूद लोगों के यूरिन के नमूनों में फ्लोराइड का स्तर पीने के पानी में मौजूद फ्लोराइड की मात्रा से मेल नहीं खाता। इसका मतलब है कि पानी के अलावा अन्य स्रोतों से फ्लोराइड शरीर में पहुंच रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, मिट्टी के साथ-साथ गेहूं, चावल और आलू जैसी खाने की चीजों से भी फ्लोरोसिस हो सकता है।

भारत में फ्लोरोसिस के 12 लाख से ज्यादा मरीज

  • भारत सरकार ने हाल ही में लोकसभा में बताया कि भारत में फ्लोरोसिस के 12 लाख से ज्यादा मरीज हो सकते हैं। लेकिन, फ्लोरोसिस रिस्क वाले इलाके पिछले 10 साल में 80% कम हुए हैं। यानी उन इलाकों में जहां पानी में ज्यादा फ्लोराइड पाई जाती थी, वहां 80% की कमी आई है।
  • सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के 17 राज्यों में 5 हजार 485 ऐसे इलाके हैं, जो आज भी फ्लोरोसिस जोन हैं। यहां रहने वाले लोगों को फ्लोरोसिस होने का खतरा है। राजस्थान में सबसे ज्यादा 3 हजार इलाके हैं।
  • पूरे देश में फ्लोरोसिस के संभावित इलाकों में से 83% सिर्फ राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु और पंजाब में हैं। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के मुताबिक इन राज्यों के फ्लोरोसिस संभावित इलाकों में एक लीटर पीने के पानी में 1 मिलीग्राम फ्लोराइड पाया जाता है।


आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
What is Fluorosis, Dental Fluorosis | What You Need to Know About Symptoms Of Fluorosis


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3o0M9JU

No comments

If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....

Powered by Blogger.