Dainik Bhaskar
दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसले में सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस जाखड़ को हिदायत दी। कहा- वे अपने बेटे ध्रुव जाखड़ को वह करने दे, जो वह चाहता है क्याेंकि उसकी जीवन शैली सेना के अनुकूल नहीं है। ध्रुव भारतीय सेना में दाखिल हुआ था।
दो साल तक अपने कोर्स को ठीक से न कर पाने के कारण इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) ने उसे सेना छोड़कर जाने की हिदायत दी थी। इसके खिलाफ ध्रुव ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। ध्रुव के पिता ने भी कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उनका बेटा उनके परिवार की चौथी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहा है, जो सेना में है। लिहाजा, उसके खिलाफ सख्त निर्णय न दिया जाए।
ध्रुव ने कंबाइंड डिफेंस सर्विसेस (सीडीएस) की परीक्षा पास कर जुलाई 2017 में आईएमए की ट्रेनिंग ज्वाइन की, ताकि वो सेना में अफसर बन सके। एक महीने बाद ही 10 दिन के लिए उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। ध्रुव ने ट्रेनिंग का पहला टर्म तो जैसे-तैसे पूरा कर लिया, लेकिन मई 2018 में दूसरे टर्म की परीक्षा से एक हफ्ते पहले आईएमए ने उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया।
पूछा गया कि क्यों न उनके प्रदर्शन के आधार पर अगले टर्म में जाने से रोक दिया जाए। ध्रुव को दूसरा टर्म रिपीट करना पड़ा। 7 मार्च 2019 को ध्रुव को एक और कारण बताओ नोटिस मिला। इसमें पूछा कि क्यों न उसे जूनियर बैच के साथ डिमोट कर दिया जाए। अंतत: उसे अपना टर्म रिपीट करने के बजाए डिमोट कर दिया गया।
9 नवंबर 2019 को अपने टर्म के फिजिकल टेस्ट से एक दिन पहले ध्रुव को सजा मिली कि वो अपनी पूरी सैन्य किट में तैयार रहकर 40 किलो रेत और ईंट बैग में लादकर बटालियन के ड्यूटी ऑफिसर के रूम के सामने 3 घंटे तक खड़ा रहे। 19 नवंबर 2019 को ध्रुव को एक और कारण बताओ नोटिस मिला। इसमें उससे पूछा गया कि फिजिकल ट्रेनिंग में फेल होने के कारण उसे आगे जाने से रोकने के अलावा क्यों न उसे आईएमए से बाहर कर दिया जाए।
आईएमए के इस फैसले के खिलाफ ध्रुव ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की। उसने कहा कि चूंकि उसे 9 नवंबर को तीन घंटे तक सजा काटनी पड़ी, इसलिए वो अगले दिन के टेस्ट में फेल हुआ है। ऐसे में उसे आईएमए से निकलने के लिए मजबूर करना सही नहीं है।
कोर्ट ने कहा- सबक लेकर आगे बढ़ें, जो सबसे अच्छा लगे वो ही करें
जस्टिस आशा मेनन और राजीव सहाय की बेंच ने सवाल उठाया कि आखिर ध्रुव को सजा क्यों मिली। 2017 से 2019 के बीच ध्रुव को आईएमए ने 65 बार रेलिगेट (कोर्स में आगे बढ़ने से रोकना) क्यों किया। आईएमए के अनुसार ध्रुव मोटापे के कारण फिजिकल टेस्ट पूरा नहीं कर पाते थे। कई बार गैर-हाजिर भी रहे।
इसी वजह से आईएमए ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की। कोर्ट ने ध्रुव के पिता को भी हिदायत दी कि वे आईएमए के निर्णय को स्वीकारें और ध्रुव से कहा- ‘आईएमए की ट्रेनिंग से सबक लेते हुए जीवन में आगे बढ़ें और वो करें, जो वह सबसे अच्छा कर सकते हैं।’
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/court-told-lieutenant-colonel-your-sons-style-of-life-is-not-worthy-of-the-army-127808801.html
No comments
If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....