Header Ads



Dainik Bhaskar

निहारिका भार्गव दिल्ली में पली बढ़ी, लंदन से मार्केटिंग स्ट्रेटेजी एंड इनोवेशन में मास्टर्स किया। एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी लगी, अच्छी खासी सैलरी भी थी। लेकिन, उनका मन नौकरी में नहीं लगा और एक साल बाद ही जॉब छोड़ दी। 2017 में उन्होंने अचार बनाने का एक स्टार्टअप लॉन्च किया।

आज 50 एकड़ में उनका खुद का फार्म है, जहां अचार में लगने वाले सभी प्रोडक्ट ऑर्गेनिक तरीके से उगाए जाते हैं। हर साल 30 टन से ज्यादा का प्रोडक्शन हो रहा है। पिछले साल उनकी कंपनी का टर्नओवर एक करोड़ रु रहा है।

27 साल की निहारिका ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद 2015 में लंदन से मार्केटिंग स्ट्रेटेजी एंड इनोवेशन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। उसके बाद वापस इंडिया आ गई और गुड़गांव में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने लगीं।

नौकरी छोड़ने के बाद 2017 में निहारिका ने अचार बनाने का एक स्टार्टअप लॉन्च किया।

निहारिका कहती हैं, 'मैं हमेशा से खुद का बिजनेस शुरू करना चाहती थी लेकिन, अचार तैयार करने का काम करूंगी, ये कभी नहीं सोचा था। पापा को अचार बनाने का शौक था, वे अचार तैयार करके रिश्तेदारों को गिफ्ट करते थे। उनके बनाए अचार की काफी डिमांड रहती थी।

वो बताती हैं, 'एक दिन पापा से मैंने कहा कि आप इसका बिजनेस क्यों नहीं करते। तब पाप हंसने लगे, बोले अब जो मुझे करना था वो कर लिया, अब आगे तुम्हें करना है। मुझे काम तो अच्छा लगा पर इसका बिजनेस चलेगा कि नहीं इसको लेकर थोड़ा डाउट था। क्योंकि अचार तो लगभग सभी घरों में तैयार होता है।

निहारिका ने इसके बाद अचार के मार्केट को लेकर रिसर्च करना शुरू किया। कई लोगों से बात की तो पता चला कि शुद्ध और घर पर तैयार किए हुए अचार की डिमांड काफी ज्यादा है। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें बाजार का अचार पसंद नहीं है, वे मजबूरी में खरीदते हैं। फिर क्या था उन्होंने पापा के पैशन को अपने प्रोफेशन में बदल दिया और उनसे अचार बनाना सीखने लगी।

निहारिका की टीम में 15-20 लोग काम करते हैं। इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं जो अचार तैयार करने का काम करती हैं।

वो कहती हैं, 'शुरुआत में दिल्ली और उसके आसपास जो एक्जिबिशन लगते थे वहां हम अपने अचार का स्टॉल लगाते थे। लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला। इसके बाद लोकल मार्केट में भी हमने अचार देना शुरू कर दिया।

इस बीच मैं मध्यप्रदेश के खजुराहो गई, जहां पापा ने फार्मिंग के लिए जमीन ले रखी थी, लेकिन कुछ खास काम वहां नहीं हो रहा था। मुझे वो जगह बहुत पसंद आई। मैंने सोचा कि क्यों न अचार में लगने वाले सभी प्रोडक्ट खुद के ही खेत में उगाया जाए। इससे अपना बिजनेस भी बढ़ेगा और लोगों को शुद्ध अचार भी मिलेगा।

निहारिका बताती हैं, 'अपने फार्म पर हमने आम, आंवला, नींबू, हल्दी, अदरक, मिर्च सहित कई प्लांट्स लगाए जिनका अचार बनाने में उपयोग होता है। वहां कुछ लोगों को काम पर भी रखा। इनमें कुछ महिलाएं भी थीं जो अचार बनाने का काम करती थीं। वहां से अचार तैयार करके दिल्ली लाते थे और मार्केट में बेचते थे। धीरे- धीरे डिमांड बढ़ने लगी। दूसरे शहरों से भी लोग फोन आने लगे। इसके बाद 2017 में हमने द लिटिल फार्म नाम से गुड़गांव में एक कंपनी खोली और ऑनलाइन प्रोडक्ट्स बेचना भी शुरू कर दिया।'

अभी निहारिका 50 एकड़ जमीन पर ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रही हैं। जिसमें फल, सब्जियां और मिर्च- मसाले से लेकर वो सबकुछ उगाती हैं जिसका उपयोग अचार बनाने में होता है।

वो बताती हैं कि हमने अचार बनाने के लिए बाहर से कहीं ट्रेनिंग नहीं ली, मुझे पापा ने ही सिखाया है। अभी भी मैं सीख रही हूं। अचार कैसे बेहतर और हेल्दी हो इसको लेकर हम लोग लगातार रिसर्च और एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं।

अभी निहारिका 50 एकड़ जमीन पर ऑर्गेनिक फार्मिंग कर रही हैं। जिसमें फल, सब्जियां और मसाले से लेकर वो सबकुछ उगाती हैं जिसका उपयोग अचार बनाने में होता है। वो कोई भी चीज बाजार का यूज नहीं करती हैं। वो सिंथेटिक सिरका या कोई प्रिजर्वेटिव्स अपने अचार में नहीं मिलती है। साधारण नमक की जगह वो सेंधा नमक का इस्तेमाल करती हैं ताकि लोगों का गला खराब नहीं हो।

वो इस समय 50 से ज्यादा वैरायटी के अचार बेचती हैं। इनमें सबसे ज्यादा आम और गुड़ के अचार की डिमांड होती है। इसमें शक्कर की जगह गुड़ मिला होता है। इसके साथ ही वो मसाले, तेल, सॉस, मिर्च पाउडर जैसी चीजें भी बेचती हैं।

अभी उनकी टीम में 15-20 लोग काम करते हैं। इनमें से 13 लोग खजुराहो में फार्मिंग और अचार तैयार करने का काम करते हैं, जिसमें 10 महिलाएं हैं। बाकी लोग गुड़गांव में मार्केटिंग और पैकेजिंग का काम देखते हैं।

ये पॉजिटिव खबरें भी आप पढ़ सकते हैं...

1. तीन साल पहले कपड़ों का ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया, कोरोना आया तो लॉन्च की पीपीई किट, 5 करोड़ रु पहुंचा टर्नओवर

2. मेरठ की गीता ने दिल्ली में 50 हजार रु से शुरू किया बिजनेस, 6 साल में 7 करोड़ रु टर्नओवर, पिछले महीने यूरोप में भी एक ऑफिस खोला

3. पुणे की मेघा सलाद बेचकर हर महीने कमाने लगीं एक लाख रुपए, 3 हजार रुपए से काम शुरू किया था

4. इंजीनियरिंग के बाद सरपंच बनी इस बेटी ने बदल दी गांव की तस्वीर, गलियों में सीसीटीवी और सोलर लाइट्स लगवाए, यहां के बच्चे अब संस्कृत बोलते हैं



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
दिल्ली की रहने वाली निहारिका अचार बेचने का बिजनेस करती हैं। उन्होंने लंदन से पढ़ाई की है।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/36CBTkP

No comments

If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....

Powered by Blogger.