Dainik Bhaskar
बात है 1990 के दशक की। बिहार के रोहतास जिले में एक गांव पड़ता है नावाडीह। इसी गांव के रहने वाले थे कमलेशजी पांडेय। सोन नदी से बालू निकालने के छोटे-मोटे ठेके लिया करते थे। उस समय ठेके लेने वालों को दबंग माना जाता था। कमलेशजी पांडेय की छवि भी ऐसी ही थी। इन्हीं के बड़े बेटे थे नरेंद्र पांडेय, जिन्हें सुनील पांडेय के नाम से भी जाना जाता है।
सुनील बेंगलुरु में इंजीनियरिंग करने गए। बताते हैं कि वहां उनका किसी से झगड़ा हो गया और झगड़े में सुनील ने उस लड़के को चाकू मार दिया। इसके बाद सुनील इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ गांव आ गए और पिता के साथ काम में लग गए।
शहाबुद्दीन के साथी से दोस्ती की, बाद में उसकी हत्या में नाम भी आया
शहाबुद्दीन का नाम आज भी बिहार के सबसे बड़े बाहुबलियों में आता है। उस समय भी आता था। उस वक्त शहाबुद्दीन के एक साथी थे सिल्लू मियां। आरा और उसके आसपास के इलाके में सिल्लू मियां का खूब नाम चलता था। बाहुबली बनने की चाहत रखने वाले सुनील पांडेय ने सिल्लू मियां से दोस्ती की और धीरे-धीरे उसके राइट हैंड बन गए। फिर एक दिन सिल्लू मियां की हत्या हो गई। कहते हैं सिल्लू की हत्या में सुनील का नाम भी आया था, लेकिन सबूत नहीं थे, तो कोई केस भी नहीं हुआ।
नीतीश ने जब पहली बार सीएम पद की शपथ ली, तो सुनील पांडेय की अहम भूमिका थी
मार्च 2000 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। इसी चुनाव में पहली बार समता पार्टी के टिकट पर सुनील पांडेय भी आरा जिले की पीरो सीट से विधायक बने। बहुमत तो किसी को मिला नहीं था, तब भाजपा के समर्थन से नीतीश ने पहली बार 3 मार्च 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री बने।
नीतीश ने शपथ तो ले ली, पर बहुमत नहीं होने पर 7 दिन में ही इस्तीफा भी देना पड़ा। हालांकि, इस सबके बीच सुनील पांडेय की राजनीतिक अहमियत भी बढ़ गई। हुआ ये कि सुनील पांडेय ने नीतीश के समर्थन के लिए सूरजभान सिंह, धूमल, राजन तिवारी, मुन्ना शुक्ला और अनंत सिंह जैसे बाहुबलियों को खड़ा कर दिया था।
डॉक्टर का किडनैप हुआ, 50 लाख फिरौती मांगी, सजा हुई
मई 2003 में पटना के मशहूर न्यूरो सर्जन डॉ. रमेश चंद्रा का अपहरण हुआ। 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई। पुलिस ने जल्द ही डॉ. चंद्रा को छुड़ा लिया। जब तफ्तीश हुई तो नाम आया सुनील पांडेय का। उस समय बिहार में राजद की सरकार थी। केस भी दर्ज हो गया। करीब 5 साल तक चला और 2008 में लोअर कोर्ट ने किडनैपिंग के मामले में सुनील पांडेय समेत 4 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
जेल में रहकर ही अहिंसा पर पीएचडी की
सुनील की जिंदगी कभी जेल में तो कभी फरारी में या जमानत पर गुजरी है। डॉ. चंद्रा की किडनैपिंग मामले में सुनील पांडेय जब जेल में थे, तब उन्होंने पीएचडी की। उन्होंने 2008 में आरा की वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी से भगवान महावीर की अहिंसा पर पीएचडी की थी।
यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी की सुपारी दी थी
उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े बाहुबलियों में से एक हैं मुख्तार अंसारी। इतने बड़े बाहुबली कि पिछले 15 साल से जेल में हैं, फिर भी हर बार चुनाव जीत जाते हैं। 2015 में सुनील पांडेय ने मुख्तार अंसारी को मारने के लिए 50 लाख रुपए की सुपारी दी थी। जिसे सुपारी मिली थी, वो जेल में था, तो उसे भगाने में भी मदद की।
हुआ ये कि 23 जनवरी 2015 को आरा की सिविल कोर्ट में एक बम ब्लास्ट हुआ। इसमें दो लोगों की मौत हो गई। ब्लास्ट की आड़ में दो कैदी लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय भाग गए। बाद में पता चला कि ये ब्लास्ट लंबू शर्मा ने ही अपनी फरारी के लिए करवाया था। 24 जून 2015 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लंबू शर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
लंबू शर्मा से जब पूछताछ हुई, तो उसने बताया कि उसे भगाने में सुनील पांडेय ने मदद की थी। लंबू ने ये भी बताया कि उसे मुख्तार अंसारी को मारने के लिए ही भगाया गया था। इसके लिए यूपी के गैंगस्टर बृजेश सिंह ने उसे 6 करोड़ रुपए दिए थे। सुनील पांडेय ने 50 लाख रुपए दिए। लंबू के बयान पर सुनील पांडेय गिरफ्तार तो हुए, पर तीन महीने में ही जमानत भी मिल गई।
4 बार विधायक रहे हैं, इस बार निर्दलीय लड़ रहे हैं
सुनील पांडे 4 बार विधायक रहे हैं। एक बार समता पार्टी से और तीन बार जदयू से। 2014 में जदयू जब एनडीए से अलग हो गई, तो सुनील ने भी पार्टी छोड़कर लोजपा ज्वॉइन कर ली। 2015 के विधानसभा चुनाव में सुनील पांडे को तो टिकट नहीं मिला, लेकिन उनकी पत्नी गीता देवी को टिकट मिल गया। गीता देवी 2015 में तरारी सीट से भाकपा (माले) के सुदामा प्रसाद से महज 272 वोटों से हार गई थीं। इस बार भी सुनील पांडेय को टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने तरारी सीट से निर्दलीय ही लड़ने का फैसला किया।
2010 में सुनील पांडे के ऊपर हत्या, हत्या की कोशिश जैसे 23 मामले दर्ज थे। लेकिन, इस बार उन्होंने जो एफिडेविट दाखिल किया है, उसमें उनके ऊपर 5 मामले ही दर्ज हैं।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/31V5WkS
No comments
If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....