Header Ads



Dainik Bhaskar

बात 1977 की है। बिहार के नवादा जिले के पथरिया गांव में जेएल प्रसाद रहते थे। कांग्रेस के नेता थे और जिला परिषद के अध्यक्ष भी। विधायक बनने का सपना था तो विधानसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए। उनके तीन बेटे थे। सबसे बड़े थे कृष्णा प्रसाद। 1990 में नवादा से भाजपा के टिकट पर लड़े और विधायक बने। कुछ वक्त भाजपा में रहे फिर जनता दल में शामिल हो गए। कृष्णा प्रसाद के विधायक बनने के बाद, जेएल प्रसाद के दूसरे बेटे मुखिया बने। तीसरे बेटे थे राजबल्लभ। ये कहानी भी उनकी ही है।

बड़े भाई विधायक थे, तो राजबल्लभ के भी हौसले बुलंद हो गए। उन्होंने घर के पास पत्थर के पहाड़ से अवैध खनन शुरू कर दिया। इस काम से राजबल्लभ ने करोड़ों कमाए। कृष्णा प्रसाद एक टर्म पूरा कर पाते कि सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी को एमएलसी बनाया, लेकिन लालू यादव ने राजबल्लभ को विधानसभा का टिकट नहीं दिया। भाई की राजनीतिक विरासत बचाने के लिए वह निर्दलीय ही चुनाव लड़े और जीते। 2000 में लालू प्रसाद ने उन्हें नवादा से टिकट दिया और मंत्री भी बनाया।

1990 में लालू को मुख्यमंत्री बनाने में राजबल्लभ के बड़े भाई का अहम रोल था

अब बात 1990 की। इस साल हुए विधानसभा चुनाव में जनता दल ने 324 सीटों में से 122 सीटें जीती थीं। उस समय देश के प्रधानमंत्री वीपी सिंह थे। वीपी सिंह रामसुंदर दास को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। नाम तय नहीं हो पा रहा था। उपप्रधानमंत्री देवीलाल ने लालू यादव का नाम आगे बढ़ाया। इस नाम पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री तो मिल गया था, लेकिन एक मुश्किल थी। जनता दल को बहुमत के लिए 10 सीटों की जरूरत थी। उस समय भाजपा के पास 39 सीटें थीं। राजबल्लभ के बड़े भाई कृष्णा प्रसाद यादव ने पार्टी से बगावत कर दी और 10 विधायकों को लेकर जनता दल में शामिल हो गए। कृष्णा यादव की वजह से लालू की सरकार बन गई।

2005 में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। लालू ने कुर्सी गंवाई और राजबल्लभ ने विधायकी। नीतीश कुमार ने नवादा के पहाड़ को एक निजी कंपनी को लीज पर दे दिया, लेकिन राजबल्लभ की दबंगई जारी रही। पत्थर लेकर निकल रही गाड़ियों से रुपए वसूलते इसका नतीजा यह हुआ कि कंपनी ने लीज छोड़ दी। 2010 में राजबल्लभ फिर चुनाव लड़े और हारे। 2015 में वापसी हुई विधायक बने।

अब बात उस रेप केस की, जिसने राजबल्लभ को उम्रभर के लिए सलाखों के पीछे पहुंचाया

बात 6 फरवरी 2016 की है। नालंदा जिले के सुल्तानपुर की रहने वाली 15 साल की लड़की बिहारशरीफ नगर इलाके में किराये के घर में रहकर पढ़ाई करती थी। उस दिन सुलेखा और उसकी मां उसके कमरे पर गईं थी। दोनों ने लड़की से बर्थडे पार्टी में चलने को कहा। लड़की ने भी हामी भर दी। लड़की को लेकर सुलेखा और उसकी मां नवादा के विधायक राजबल्लभ के मकान पहुंची। वहां राजवल्लभ ने लड़की के साथ रेप किया। 7 फरवरी को सुलेखा ने लड़की को उसके घर बिहारशरीफ छोड़ा। उसे 30 हजार रुपए दिए और मुंह बंद करने की धमकी दी, लेकिन लड़की चुप नहीं रही। 9 फरवरी को उसने बिहारशरीफ के एक थाने में FIR दर्ज करा दी।

10 फरवरी को पुलिस लड़की को लेकर नवादा स्थित राजबल्लभ के घर पहुंची। इसके बाद बच्ची को राजबल्लभ की फोटो दिखाई। लड़की ने फोटो देखकर राजबल्लभ को पहचान लिया। शिनाख्त के बाद डीआईजी ने राजबल्लभ को गिरफ्तारी के आदेश दे दिए। अगले दिन फॉरेंसिक टीम नवादा वाले घर पहुंची और जांच की। 15 फरवरी को राजद ने राजबल्लभ को पार्टी से हटा दिया। इसी दिन पुलिस ने सुलेखा के पति अरुण को गिरफ्तार किया।

15 फरवरी को कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए, विधायक राजबल्लभ प्रसाद के खिलाफ सर्च वारंट जारी किया। 19 फरवरी को सुलेखा के पति संदीप को गिरफ्तार किया। 25 फरवरी को सुलेखा समेत 4 लोग पकड़ लिए गए। 28 फरवरी को राजबल्लभ के पटना और नवादा के घर को सील कर लिया। राजबल्लभ अब भी फरार थे। 23 दिन तक फरार रहने के बाद 10 मार्च को उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

यह तस्वीर दिसंबर 2018 की है। राजबल्लभ को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

दो साल मामला चला, उम्रकैद की सजा मिली

15 सितंबर 2016 को कोर्ट में गवाही शुरू हुई। पटना हाईकोर्ट ने 20 सितंबर को राजबल्लभ को जमानत दे दी। जमानत के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची, जहां से राजबल्लभ की जमानत खारिज हो गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और MP-MLA कोर्ट बनने के बाद सभी रिकॉर्ड पटना की विशेष अदालत में ट्रांसफर कर दिए।

दो साल बाद दिसंबर 2018 को कोर्ट ने राजबल्लभ समेत छोटी देवी, सुलेखा देवी, संदीप सुमन, राधा देवी और तूसी देवी को दोषी करार दिया। राजबल्लभ को उम्रकैद की सजा मिली। राजबल्लभ बिहार के ऐसे पहले विधायक हैं, जिन्हें पद पर रहते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई । 2020 में चुनाव के लिए राजद ने इनकी पत्नी विभा देवी को नवादा से टिकट दिया है।

2017 में DSP को जान से मारने की धमकी दी

जुलाई 2017 में राजबल्लभ जेल में बंद थे। उस वक्त DSP मृदुला सिन्हा उनकी निगरानी में तैनात थीं। इस दौरान राजबल्लभ ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। इसके बाद मृदुला सिन्हा ने एसएसपी से शिकायत की और सुरक्षा की मांग की थी। मृदुला सिन्हा का कहना था कि नवादा में विधायक राजबल्लभ की पेशी के दौरान मेरी हत्या हो सकती है



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Bihar Election 2020: Bahubali Nawada Ex-MLA Raj Vallabh Criminal Cases/Political Career Update | Lalu Prasad Yadav, Vibha devi,Tejaswi


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3oNbOGr

No comments

If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....

Powered by Blogger.