Dainik Bhaskar
(प्रमोद कुमार) पहले अयोध्या के लोग कहते थे कि राम से पहले रोटी भी जरूरी है। अब यहां राम भी हैं और रोटी भी। रामलाल विराजमान के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए 9 नवंबर को एक साल हो जाएगा। अब अयोध्या बदल रही है। यहां खूब पर्यटक आ रहे हैं। सिंगल लेन को टू लेन कर दिया गया है और फोरलेन का काम चल रहा है। पहले इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर तमाम प्रोजेक्ट्स लखनऊ के पास आते थे, लेकिन अब विकास प्रोजेक्ट्स अयोध्या की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। यही नहीं पहले अयोध्या में जमीन को बिस्वा के हिसाब से बेचा जाता था। एक बिस्वा यानी 1361 स्क्वायर फीट। अब जमीन को बड़े शहरों की तरह स्क्वायर फीट में बेचा जा रहा है।
शहरी जमीन के दाम 10 गुना तो ग्रामीण क्षेत्र में जमीन के दाम 5 गुना तक बढ़ गए हैं। आधुनिक शहरों की तरह बिजली लाइन को अंडरग्राउंड कर दिया गया है। शहर से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइन को सरयू पार शिफ्ट किया जा रहा है। इस कोरानाकाल में भी रोजाना औसतन 20 हजार लोग अयोध्या आ रहे हैं। पहले सीजन में रोजाना 2 हजार लोग आते थे। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से कोरोनाकाल में भी लोग बेरोजगार नहीं हुए। अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा कहते हैं कि मेडिकल कॉलेज से लेकर सड़कों का चौड़ीकरण, राम की पौड़ी, गुप्तार घाट का कायाकल्प हो गया है।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी कमलेश्वर चौपाल कहते हैं कि प्राचीन धरोहर के मूल स्वरूप का हम ध्यान रखेंगे, लेकिन आधुनिक युग के हिसाब से लोगों की संख्या और सुविधा को देखना जरूरी है। आज हिंदू-मुस्लिम बिना तनाव के सौहार्द से अयोध्या मंे रह रहे हैं। ये बात पूरी दुनिया जान गई है। आज देश का हर उद्योगपति अयोध्या में व्यवसाय शुरू करना चाहता है। क्या वेटिकन सिटी या मक्का का स्वरूप नहीं बदला है? विदेशी पर्यटक जब देश में आए तो उसे ऊर्जा-स्फूर्ति मिले। सुविधाएं मिलें।
भीड़ के कारण कई स्थानों पर वीभत्स घटनाएं हुईं हैं, उनसे बचा जा सके। आज 20 हजार पर्यटक हैं तो मंदिर के बाद तो रोजाना 10 लाख पर्यटक अयोध्या आएंगे। आए दिन के तनाव के कारण अयोध्या के डाॅ. योगेंद्र लखनऊ में शिफ्ट हो गए थे। उनका पुश्तैनी मकान तो अयोध्या में था लेकिन वो बंद पड़ा था। वो उसे बेचना चाहते थे, लेकिन ग्राहक नहीं मिल रहे थे। 9 नबंवर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में फैसला आया तो उनके पास मकान खरीदने वालों की इंक्वायरी आने लगी। कुछ दिनों के बाद खरीदार उनके मकान की दोगुनी कीमत देने के लिए तैयार हो गए।
डॉ. योगेंद्र अब अपने मकान को होटल में तब्दील कर रहे हैं। उन्होंने अयोध्या की जगह लखनऊ का मकान बेचने का मन बना लिया है, क्योंकि अयोध्या में लखनऊ से ज्यादा व्यवसायिक संभावनाएं हैं। ऐसे ही डॉ. वीपी पांडे के पास दिल्ली के एक नामी कार्डियोलॉजिस्ट का फाेन आया। कार्डियोलॉजिस्ट ने कहा कि उसे अयोध्या में तीन एकड़ जमीन चाहिए अस्पताल बनाने के लिए। ये मात्र दो उदाहरण नहीं हैं, बल्कि सैंकड़ों लोग ऐसे हैं कि अयोध्या आ गए हैं यहां फिर आना चाहते हैं।
ये अलग बात है कि किसी की राम के प्रति आस्था है तो किसी को अयोध्या में व्यवसाय नजर आ रहा है। 75 साल के प्रहलाद राय कहते हैं कि राम मंदिर बनते देखना तो हमारा सौभाग्य है, लेकिन अयोध्या को ऐसे बदलते देखने की उम्मीद नहीं थी। जमीन की कीमत 5 गुना बढ़ गई है। जो जमीन कोई 6 लाख बीघा में खरीदने तैयार नहीं होता था वो 25 लाख रुपए बीघा में बिक रही है। पूरी अयोध्या के पांचों रास्ते फोरलेन हो रहे हैं।
136 प्रोजेक्ट चल रहे हैं अयोध्या-लखनऊ हाईवे पर
- 20% घरों का लैंडयूज बदला है। 10% होटल-स्टे होम में तब्दील हुए हैं। यहां निगम लैंडयूज की कार्रवाई तेजी से कर रहा है।
- 136 बड़े प्रोजेक्ट्स आ रहे हैं अयोध्या- लखनऊ हाईवे पर। इनमें 10 फाइव स्टार होटल, 7 अस्पताल, 5 शॉपिंग मॉल शामिल हैं।
- 02 धर्मशालाएं थीं ट्रस्ट की पहले अयोध्या में। लेकिन अब देश के मारवाड़ी, सिख, जैन समुदाय के लोग यहां जमीन खरीद रहे हैं।
...और एक साल में अपराध न के बराबर
अयोध्या थाना प्रभारी रामप्रकाश मिश्रा बताते हैं कि पिछले एक साल में अयोध्या थाने का ग्राफ बहुत नीचे गया है। छुट-पुट अपराधों को छोड़ दें तो पिछले एक साल में कोई बड़ी घटना नहीं हुई। मणि पर्वत क्षेत्र तो हमेशा अपराधियों का गढ़ कहा जाता था लेकिन पीएसी कैम्प के कारण वहां भी शांति है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/land-in-ayodhya-is-10-times-more-expensive-20-of-land-landuse-for-business-also-changed-127894744.html
No comments
If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....