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Dainik Bhaskar

कोरोना की वजह से देश और दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं तबाह हो गई हैं। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सर्वे के मुताबिक, देश के 70% स्टार्टअप पर कोरोना का बुरा असर पड़ा है। हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ग्लोबल जॉब रिसेट सब्मिट में यह बात सामने आई कि देश और दुनिया में न केवल नौकरियों का स्वरूप बदला है बल्कि काम और करने का तरीका भी बदला है।

हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू के मुताबिक, नए आंत्रप्रेन्योर्स के लिए यह एक शानदार मौका है। इस दौर में इन्वेस्टर्स को पिच कर फंड रेज करना मुश्किल है। हालांकि मार्केट और कस्टमर की बदली हुई जरूरत को समझ कर स्टार्टअप शुरू करने का अच्छा मौका भी है।

हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू के हवाले से कोरोना के दौर में स्टार्टअप शुरू करने के 5 टिप्स

1- मार्केट स्टडी से करें शुरुआत

  • आपको एक आंत्रप्रेन्योर्स के तौर पर सोचना होगा। यह समझना पड़ेगा कि कोरोना की वजह से ग्लोबल स्तर पर सबकुछ बदल जाने के बाद आपका आइडिया कितना रिलेवेंट है? क्या आप बदली हुई जरूरतों के हिसाब से कस्टमर बेस बना पाएंगे? इन सवालों के जवाब आप को ऐसे ही नहीं मिलेंगे। इसके लिए आपको मार्केट स्टडी करनी पड़ेगी।

2- स्टार्टअप का आइडिया

  • किसी भी स्टार्टअप में आइडिया की भूमिका सबसे अहम होती है। आइडिया ही वह एलीमेंट है जो आपको इन्वेस्टर और कस्टमर देता है। कई बार लोग पहले आइडिएशन में ही लग जाते हैं। इससे आइडिया अच्छा होने के बाद भी मार्केट के माहौल में फिट न होने की वजह से सक्सेस नहीं हो पाता।
  • इसके अलावा भी आइडिएशन में कई चीजों का ध्यान रखना होता है। मसलन आप ऐसा क्या प्रोडक्ट और सर्विस ऑफर कर रहे हैं जो औरों से अलग है।

3- इन्वेस्टर के माइंडसेट को समझें

  • दो प्रॉसेस से गुजरने के बाद आप फंड रेज के स्टेज पर पहुंच जाएंगे। यह स्टेज सबसे मुश्किल मानी जाती है। इसी स्टेज में ही तय होता है कि आप स्टार्टअप कर पाएंगे या नहीं।
  • एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आमतौर पर दो तरह के इन्वेस्टर होते हैं। एक थोड़े कंजरवेटिव तो दूसरे ओपन माइंडेड। कंजर्वेटिव इन्वेस्टर बिलकुल भी रिस्क नहीं लेते और बहुत मुश्किल से जेब ढीली करते हैं। जबकि, ओपन माइंडेड इन्वेस्टर रिस्क लेना पसंद करते हैं और निवेश के लिए हमेशा मौके की तलाश में रहते हैं।

4- मजबूत एडवाइजरी बोर्ड बनाएं

  • स्टार्टअप के लिए मजबूत एडवाइजरी बोर्ड की सबसे ज्यादा जरूरत है। उसकी एक अहम भूमिका होती है। आमतौर पर स्टार्टअप में लोग बस पेपर वर्क को ही महत्व देते हैं। लोगों का लगता है बाकी सब वे खुद कर लेंगे।
  • इसके चलते बहुत जरूरी पहलुओं से लोग अछूते रह जाते हैं। एडवाइजरी बोर्ड बहुत सी चीजों को रिव्यू कर जरूरी सुझाव देता है, जो ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी होता है।

किस-किस सेक्टर में ज्यादा हैं स्टार्टअप का एक्सपोजर

  • भारत सरकार की स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट पर एक्सपर्ट्स ने ऐसे सेक्टर्स की लिस्ट तैयार कर रखी है, जिनमें कोरोना के बाद स्टार्टअप के अवसर ज्यादा हैं। स्टार्टअप इंडिया की वेबसाइट पर भी इस बात पर जोर दिया गया है कि कोरोना में मार्केट में आए बदलाव के चलते कई अवसर खत्म हो गए हैं। लेकिन उसके बदले कहीं ज्यादा नए अवसर आए हैं।


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