Dainik Bhaskar
मोल्दोवा के रहने वाले लूसियो लारमुराती का बचपन तंगहाली में गुजरा। पिता मजदूरी करके परिवार चलाते थे। लूसियो बचपन से ही पिता का हाथ बंटाते थे। अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मोल्दोवा में करने के बाद वे परिवार के साथ इंग्लैंड शिफ्ट हो गए। यहां उन्होंने लंदन के एक बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की। अब अपना बिजनेस चला रहे हैं। वे पेट्स एनिमल के लिए फूड सप्लीमेंट्स तैयार करते हैं। इससे हर महीने एक लाख रुपए उनकी आमदनी हो रही है।
22 साल के लूसियो कहते हैं,' मोल्दोवा यूरोप का सबसे गरीब देश है। यहां बहुत कम अवसर हैं इसलिए हमारा परिवार रोजगार की तलाश में इंग्लैंड शिफ्ट हो गया। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए मैं छोटा-मोटा काम करता था। उससे जो कुछ पैसे कमाता था, वो अपनी पढ़ाई में खर्च करता था। इस बीच लंदन के एक बिजनेस स्कूल में मेरा सेलेक्शन हो गया। वहां पढ़ाई के दौरान मेरा इंटरेस्ट फाइनेंस सेक्टर में बढ़ने लगा। 2019 में ग्रेजुएशन के बाद इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब लग गई।
वो कहते हैं, 'कुछ दिनों तक यहां काम किया। सैलरी भी अच्छी थी, लेकिन मुझे यहां जॉब सेटिस्फेक्शन नहीं मिल रहा था। ऐसा लग रहा था कि मेरा टैलेंट जाया हो रहा है इसलिए नौकरी छोड़ दी और खुद का बिजनेस शुरू किया। इसके बाद उन्होंने स्कूल और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए नाइट इवेंट प्रोग्राम करना शुरू किया। वे लंदन में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के पार्टी और सेलिब्रेशन के लिए इवेंट प्लान करते थे। उनका ये बिजनेस चल पड़ा। थोड़े ही दिनों में अच्छी आमदनी होने लगी।'
लूसियो बताते हैं कि इस साल की शुरुआत में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया। स्कूल और यूनिवर्सिटी बंद हो गईं। लूसियो को इवेंट्स के लिए ऑर्डर मिलने बंद हो घए। उनकी कमाई ठप हो गई। लूसियो कहते हैं, 'काम बंद होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कुछ दिनों तक खाली बैठा रहा। फिर सोचा कि क्यों न इस लॉकडाउन का उपयोग किया जाए और कुछ नया शुरू किया जाए, क्योंकि कोरोना के बाद इंवेंट का काम इतनी आसानी से नहीं जमेगा।'
वो कहते हैं, 'मुझे हमेशा से एनीमल्स से लगाव था। उनकी बेहतरी के लिए काम भी करना चाहता था इसलिए सोचा कि क्यों न कुछ ऐसा काम किया जाए ताकि कमाई के साथ साथ इन एनीमल्स को भी फायदा हो। फिर मैंने रिसर्च करनी शुरू की तो पता चला कि दुनियाभर में ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें अपने पेट्स के लिए सही फूड सप्लीमेंट नहीं मिल पाता है। इसके बाद मैंने चार महीने पहले माई पेट हीरो नाम से एक कंपनी शुरू की। इसमें हम डॉग के लिए फूड सप्लीमेंट तैयार करते हैं। इससे जो मुनाफा होता है, उसे वाइल्डलाइफ एनीमल्स के प्रोटेक्शन के लिए डोनेट कर देता हूं।'
लूसियो अभी दो तरह के प्रोडक्ट व्हाइट फिश क्यूब्स और मिक्स्ड बिस्किट सप्लाई करते हैं। ये दोनों ही प्रोडक्ट प्रोटीन से भरपूर हैं और इन्हें तैयार करने के लिए एक्सपर्ट्स की सलाह ली गई है। अभी इसकी अच्छी खासी डिमांड है। लूसियो के साथ दो और लोग उनके काम में हाथ बंटाते हैं। साथ ही उनके परिवार के लोग भी भरपूर सपोर्ट करते हैं।
लूसियो बताते हैं कि मेरे लिए यह बिजनेस इतना आसान नहीं था। शुरुआत में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एक तो मैं इस फील्ड में बिलकुल नया था और मेरे पास मार्केटिंग के रिसोर्स नहीं थे। इसके बाद मैंने एक वेबसाइट लॉन्च की। इस पर सभी प्रोडक्ट्स को अपलोड कर दिया, हालांकि तब भी मुश्किलें कम नहीं हुईं। बहुत कम लोग ही वेबसाइट पर विजिट करते थे।
इसके बाद मैंने मार्केटिंग स्ट्रेटजी तैयार की और सोशल मीडिया का सहारा लिया। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर शेयर करना शुरू किया। थोड़े ही दिनों में बेहतर रिस्पॉन्स मिलने लगा। लोगों के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए। लूसियो व्हाइटफिश क्यूब्स और मिक्सड बिस्किट के साथ चार और फूड सप्लीमेंट वो लाने वाले हैं। साथ ही अगले कुछ महीनों में वे पेट्स के लिए ड्रेस लॉन्च करने का प्लान बना रहे हैं।
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