Dainik Bhaskar
आपने गाने भी सुने होंगे। कभी ना कभी किसी को वॉयस मैसेज भी भेजा होगा। आवाज रिकॉर्ड करना। रिकॉर्डेड आवाज सुनना आज बहुत ही सहज सी बात लगती है। ये सब आज ही के दिन संभव हो पाया था। जब पहली बार आवाज को रिकॉर्ड करके फिर सुना गया था।
जब 1877 में थॉमस अल्वा एडिसन ने दुनिया का पहला फोनोग्राफ बनाया। इस फोनोग्राफ में आवाज को रिकॉर्ड किया जा सकता था और बाद में सुना भी जा सकता था। लेकिन ये खोज एक प्री-प्लान खोज नहीं थी, बल्कि एक एक्सीडेंटल खोज थी।
दरअसल, बल्ब का अविष्कार करने वाले एडिसन टेलीग्राफ और टेलीफोन से जुड़ी खोज कर रहे थे। वो मैसेज को पेपर टेप पर उतारने और फिर उन्हें टेलीग्राफ के जरिए भेजने वाली मशीन बना रहे थे। इसी दौरान उन्होंने अपनी ही रिकॉर्ड की हुई आवाज को दोबारा सुना। एडिसन ने "मैरी हैड ए लिटिल लैब" नर्सरी राइम गाई और उसे रिकॉर्ड करके दोबारा सुना। फोनोग्राफ ही आगे चलकर ग्रामोफोन के नाम से मशहूर हुआ।
एक महीने चला भारत-चीन युद्ध खत्म हुआ
20 अक्टूबर 1962 को भारत और चीन के बीच युद्ध शुरू हुआ था। चीन के भारतीय इलाकों पर कब्जों के दावों के बाद दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के सामने आ गई थीं। एक महीने चले युद्ध में भारत के करीब 11-12 हजार सैनिकों का मुकाबला करने के लिए चीन ने अपने 80 हजार से ज्यादा सैनिक मैदान में उतार दिए थे।
पूरे एक महीने बाद 20 नवंबर को चीन ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी। साथ ही विवादित क्षेत्र से हटने के लिए भी राजी हो गया। इसके बाद 21 नवंबर 1962 को ये युद्ध समाप्त हो गया। इस युद्ध में भारत की ओर से 1 हजार 383 भारतीय जवान शहीद हुए। वहीं, चीन के 722 सैनिक मारे गए थे।
इस युद्ध की भूमिका करीब चार महीने पहले हुए एक विवाद से पड़ी। दरअसल, भारतीय गोरखा सैनिकों ने 4 जुलाई 1962 में घाटी में पहुंचने के लिए एक पोस्ट बनाई थी। इस पोस्ट ने समांगलिंग के एक चीनी पोस्ट के कम्युनिकेशन नेटवर्क को काट दिया। जिसे चीन ने अपने ऊपर हमला बताया था।
इसके बाद चीन के सैनिकों ने गोरखा पोस्ट को 100 गज की दूरी पर घेर लिया था। भारत ने चीन को धमकी दी थी कि वह इसे किसी भी कीमत पर खाली कराकर रहेगा। इसके बाद भारत ने चार महीने तक इस पोस्ट पर हेलिकॉप्टर के जरिए खाद्य और सैन्य सप्लाई जारी रखी थी। इससे बौखलाए चीन अरुणाचल के तवांग और जम्मू कश्मीर के चोसुल में भारतीय सीमा के अंदर घुस आया। इसी के बाद युद्ध शुरू हुआ।
1970 में आज ही के दिन हुआ था नोबेल विजेता महान वैज्ञानिक सीवी रमन का निधन
आज ही के दिन 1970 में महान वैज्ञानिक सीवी रमन का निधन हुआ था। उन्होंने लाइट स्कैटरिंग के इफेक्ट पर अहम खोज की थी। फिजिक्स में इसे उनके नाम पर रमन इफेक्ट कहा जाता है। 28 फरवरी 1928 को उन्होंने ये खोज की थी इसलिए हर साल 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे मनाया जाता है।
उनकी इस खोज के लिए सीवी रमन को 1930 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। नोबेल पुरस्कार पाने वाले वो एशिया के पहले वैज्ञानिक थे। 1954 में फिजिक्स में उनके योगदान के लिए भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने ऑप्टिक्स और अकोस्टिक्स पर कई किताबें भी लिखीं थी। फॉरेंसिक साइंस में भी रमन इफेक्ट काफी मददगार साबित होता है। इसी की वजह से ये पता लगाना आसान हो गया है कि कौन-सी घटना कब और कैसे हुई थी।
भारत और दुनिया में 21 नवंबर की महत्वपूर्ण घटनाएं इस प्रकार हैंः
- 1571: दिल्ली के शासक सिकंदर लोधी का निधन।
- 1783: हॉट एयर बलून में पहली बार दो लोगों ने पेरिस में उड़ान भरी थी। ये गुब्बारा मॉन्ट गोल्फेयर ब्रदर्स ने बनाया था। हालांकि, इसमें सफर करने वाले फ्रांस के दो आम नागरिक थे।
- 1906: चीन ने अफीम के बिजनेस पर रोक लगाई।
- 1963: केरल के थुंबा से 'नाइक-अपाचे' नाम का पहला रॉकेट छोड़ा गया। इसी के साथ भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरु हुआ।
- 1965: रूस(उस वक्त सोवित संघ) ने पूर्वी कजाकिस्तान में न्यूक्लियर टेस्ट किया।
- 1996: यूनाइटेड नेशन ने आज के दिन को वर्ल्ड टेलीविजन डे के रूप में घोषित किया। स्कॉटलैंड के इंजीनियर जॉन लॉगी बेयर्ड ने टेलीविजन का अविष्कार किया था।
- 2017: करीब 37 साल तक जिम्बाब्वे पर शासन करने वाले रॉबर्ट मुगाबे को महाभियोग की कार्यवाही शुरू होने के बाद इस्तीफा देना पड़ा।
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