Header Ads



Dainik Bhaskar

कहानी- श्रीराम और रावण का युद्ध चल रहा था। राम-लक्ष्मण ने रावण के कई योद्धाओं को मार दिया था। तब रावण ने अपने भाई कुंभकर्ण को नींद से जगाया। कुंभकर्ण बहुत शक्तिशाली था लेकिन ब्रह्मा के वरदान की वजह से वह 6 महीने सोता था। 6 महीने में एक बार उठकर खूब खाता-पीता और फिर सो जाता था।

नींद से जगाकर रावण ने कुंभकर्ण को पूरी बात बताई। कुंभकर्ण धर्म का जानकार था। उसने रावण से कहा "भाई, आपने ये काम अच्छा नहीं किया है। श्रीराम कोई सामान्य इंसान नहीं हैं, देवी सीता का हरण करके आपने लंका के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। श्रीराम के पास लक्ष्मण जैसा भाई है, हनुमान जैसे बलशाली सेवक हैं।"

कुंभकर्ण को ऐसी बातें करता देख रावण ने सोचा कि ये तो ज्ञान की बातें कर रहा है। तब रावण ने अपने भाई के सामने मांस-शराब रखवा दीं। कुंभकर्ण ने मांस खाया, शराब पी। इसके बाद उसकी बुद्धि पलट गई। पहले वह ज्ञान की बातें कर रहा था, लेकिन अब वह खुद श्रीराम से युद्ध करने के लिए तैयार हो गया।

युद्ध भूमि पर कुंभकर्ण और विभीषण का आमना-सामना हुआ। विभीषण बोला "मैंने अपने बड़े भाई रावण को समझाने की बहुत कोशिश की थी लेकिन, रावण ने मुझे ही लात मारकर निकाल दिया। इसके बाद मैं श्रीराम के शरण में आ गया हूं।"

कुंभकर्ण ने कहा "भाई, तूने ये बहुत अच्छा काम किया है कि तू श्रीराम की सेवा में चला गया। इससे अपने कुल का कल्याण होगा। लेकिन, मैं ऐसा नहीं कर सकता। मैंने रावण के मांस-मदिरा का सेवन कर लिया है, मेरे दिमाग पर सिर्फ रावण छाया हुआ है। मैं रावण के बंधन में हूं। सही-गलत जानते हुए भी मैं श्रीराम से युद्ध करूंगा।"

सीख - सही-गलत क्या है, ये हम सभी जानते हैं। लेकिन, गलत लोगों की संगत, बुरी चीजें और बुरी इच्छाएं हमसे गलत काम करवा लेती हैं, इसीलिए ऐसी बातों से बचें।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
aaj ka jeevan mantra by pandit vijay shankar mehta, life management tips by pandit vijay shankar mehta, ramayana story


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3pPrwRN

No comments

If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....

Powered by Blogger.