Dainik Bhaskar
भारत ने तीसरा वनडे जीतकर खुद को व्हाइट वॉश होने से बचा लिया। इसके साथ ही भारत ने लगातार 5 वनडे मैचों से चला आ रहा हार का सिलसिला भी तोड़ा। सीरीज में टीम इंडिया का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। भारत के तेज गेंदबाज पहले दो वनडे में पावर-प्ले में विकेट लेने में नाकाम रहे।
वहीं, 37 साल बाद 3 या इससे ज्यादा वनडे मैचों की सीरीज में भारतीय स्पिनर्स का प्रदर्शन सबसे खराब रहा। स्पिनर्स ने सीरीज में 6.86 की इकोनॉमी रेट से रन दिए।
भारत का टॉप ऑर्डर फेल, पहले 4 विकेट के लिए बड़े पार्टनरशिप में एक भी भारतीय नहीं
सीरीज में सबसे बड़ी पार्टनरशिप | रन | टीम | प्लेयर्स |
पहले विकेट के लिए | 156 रन | ऑस्ट्रेलिया | डेविड वॉर्नर और एरॉन फिंच |
दूसरे विकेट के लिए | 108 रन | ऑस्ट्रेलिया | एरॉन फिंच और स्टीव स्मिथ |
तीसरे विकेट के लिए | 136 रन | ऑस्ट्रेलिया | स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशाने |
चौथे विकेट के लिए | 80 रन | ऑस्ट्रेलिया | मार्नस लाबुशाने और ग्लेन मैक्सवेल |
भारत की खराब बॉलिंग का फायदा ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने उठाया। ऑस्ट्रेलिया ने 4 बड़ी और अहम साझेदारियां निभाईं। जिससे टीम पहले 2 मैच में भारत के सामने विशाल स्कोर खड़ा कर सकी। वहीं, सीरीज में भारतीय टॉप ऑर्डर बिल्कुल ही फेल रहा। टीम के टॉप-4 बल्लेबाज कोई भी बड़ी साझेदारी करने में नाकाम रहे।
भारत के 4 बॉलर्स ने सीरीज में 150 से ज्यादा रन लुटाए हैं। जिसमें 2 पेसर और 2 स्पिनर्स हैं। जसप्रीत बुमराह ने 3 मैचों में 195 रन दिए और 4 विकेट लिए। वहीं, नवदीप सैनी ने 2 मैच में 153 रन दिए और सिर्फ 1 ही विकेट ले सके। स्पिनर्स की बात करें, तो युजवेंद्र चहल ने 2 मैच में 160 रन दिए और सिर्फ 1 ही विकेट ले सके। खराब प्रदर्शन के चलते उन्हें तीसरे वनडे में टीम में शामिल नहीं किया गया।
वहीं रविंद्र जडेजा भी बॉल से कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। उन्होंने 3 मैच में 185 रन दिए और उन्हें भी 1 ही विकेट मिल सका। वहीं ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ 2 बॉलर्स ने 150 से ज्यादा रन दिए। इनमें एडम जम्पा (3 मैच, 161 रन) और जोश हेजलवुड (3 मैच, 180 रन) का नाम शामिल है। हालांकि दोनों टूर्नामेंट के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी हैं।
भारत की सीरीज हार में टॉस ने भी अहम भूमिका निभाई। तीनों मैच में टॉस जीतने वाली टीम ने मैच जीता है। पहले 2 वनडे में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान फिंच ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी की। वहीं, अंतिम वनडे में भारतीय कैप्टन विराट कोहली ने टॉस जीतकर बैटिंग चुनी।
एरॉन फिंच की ऑस्ट्रेलिया में अंतिम-4 वनडे इनिंग्स
रन | बॉल | खिलाफ | ग्राउंड |
60 | 75 | न्यूजीलैंड | सिडनी |
114 | 124 | भारत | सिडनी |
60 | 69 | भारत | सिडनी |
75 | 82 | भारत | कैनबरा |
बुमराह पावर-प्ले में नहीं ले सके विकेट
जसप्रीत बुमराह ने 2020 में भारत के लिए पावर-प्ले में 34 ओवर फेंके हैं। इसमें उन्होंने 4.50 की इकोनॉमी रेट से रन दिए, जबकि उन्हें एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ। उन्होंने 2020 में अब तक 9 वनडे खेले हैं, जिसमें 5 विकेट लिए। जबकि, 2019 में उन्होंने 14 वनडे मैच में 24.60 की औसत से 25 विकेट लिए थे। वहीं, 2018 में 13 वनडे मैच में 16.64 की औसत से 22 विकेट लिए थे।
भारतीय बल्लेबाजों में शॉर्ट बॉल का खौफ जारी
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने भारतीय बल्लेबाजों को शॉर्ट बॉल से खूब परेशान किया। नतीजा ये रहा कि श्रेयस अय्यर सीरीज में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके। नंबर-4 पर फिर एक बार टीम को किसी भरोसेमंद बल्लेबाज की कमी खली। वहीं हेजलवुड ने कोहली के खिलाफ एक अनोखा रिकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने लगातार 4 मैच में कोहली को आउट किया।
कोहली को लगातार मैचों में आउट करने वाले बॉलर्स
कितनी बार | बॉलर | साल |
4 | जोश हेजलवुड | 2020 |
3 | जुनैद खान | 2013 |
3 | झाय रिचर्डसन | 2019 |
3 | ट्रेंट बोल्ट | 2019 |
2008 के बाद पहली बार साल में एक भी शतक नहीं लगा सके कोहली
2008 के बाद पहली बार कोहली साल में एक भी शतक नहीं लगा पाए। हालांकि उन्होंने इस दौरान फिफ्टी तो लगाई, लेकिन टीम न्यूजीलैंड दौरे पर तीनों वनडे हार गई। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले 2 वनडे में भी हार मिली। कोहली अंत तक रहकर टीम को चेज करते हुए जीत नहीं दिला पाए।
साल | सेंचुरी | इनिंग्स |
2008 | 0 | 5 |
2009 | 1 | 8 |
2010 | 3 | 24 |
2011 | 4 | 34 |
2012 | 5 | 17 |
2013 | 4 | 30 |
2014 | 4 | 20 |
2015 | 2 | 20 |
2016 | 3 | 10 |
2017 | 6 | 26 |
2018 | 6 | 14 |
2019 | 5 | 25 |
2020 | 0 | 9 |
भारत के पास वॉर्नर-फिंच का तोड़ नहीं
भारत के पास शुरुआती दो वनडे मैच में भी वॉर्नर-फिंच के खिलाफ कोई प्लान देखने को नहीं मिला। पहले दो वनडे में दोनों ने शुरुआती 10 ओवर्स में संभलकर टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया। इसके बाद दोनों ने आक्रामक शॉट खेलने शुरू किए। इन दोनों ने वनडे में अब तक कुल 12 बार शतकीय साझेदारी की। जिसमें से 5 साझेदारियां (187, 231, 258 नॉट आउट, 156 और 142) भारत के खिलाफ रही हैं। भारत के खिलाफ दोनों का ही रिकॉर्ड शानदार है।
पहले 2 मैच में डेथ ओवर में हारी टीम इंडिया
सिडनी में हुए पहले और दूसरे वनडे में ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने रणनीति के तहत बल्लेबाजी की। ओपनर फिंच और वॉर्नर ने टीम को शानदार शुरुआत दी और 20 ओवर तक एक भी विकेट नहीं दिया। यही मोमेन्टम आने वाले बल्लेबाजों के लिए मददगार साबित हुई। ऑस्ट्रेलिया ने पहले वनडे में डेथ ओवर्स (अंतिम 10 ओवर्स) में 110 रन, जबकि दूसरे वनडे में 114 रन बनाए।
पहला वनडे
ओवर | ऑस्ट्रेलिया | भारत |
0-10 | 51-0 | 80-3 |
11-20 | 52-0 | 64-1 |
21-30 | 66-1 | 64-0 |
31-40 | 95-1 | 42-2 |
41-50 | 110-4 | 58-2 |
टोटल | 374/6 | 308/8 |
वहीं, भारतीय टीम ने चेज करते वक्त शुरुआत में ही विकेट गंवा दिए और अंतिम 10 ओवर्स में ज्यादा रन नहीं बना सकी। पहले वनडे में भारत ने 41-50 ओवर के बीच सिर्फ 58 रन बनाए और 2 विकेट गंवाए। जबकि, दूसरे वनडे में टीम इंडिया ने 79 रन बनाए और 5 विकेट गंवा दिए।
दूसरा वनडे
ओवर | ऑस्ट्रेलिया | भारत |
0-10 | 59-0 | 67-2 |
11-20 | 58-0 | 59-0 |
21-30 | 70-2 | 60-1 |
31-40 | 88-0 | 73-1 |
41-50 | 114-2 | 79-5 |
टोटल | 389/4 | 338/9 |
कैनबरा में हुए तीसरे वनडे में भारत ने डेथ ओवर्स में कोई विकेट नहीं गंवाया और मैच जीतकर क्लीन स्वीप होने से खुद को बचा लिया। टीम इंडिया 3 मैचों की वनडे सीरीज 2-1 से हार गई।
तीसरा वनडे
ओवर | ऑस्ट्रेलिया | भारत |
0-10 | 51-1 | 49-1 |
11-20 | 47-1 | 55-1 |
21-30 | 53-2 | 40-2 |
31-40 | 76-2 | 48-1 |
41-50 | 62-4 | 110-0 |
टोटल | 289 (ऑल आउट) | 302/5 |
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