Dainik Bhaskar
आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की मंजूरी देने के खिलाफ एलोपैथिक डॉक्टर आज हड़ताल पर रहेंगे। ये हड़ताल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी IMA ने बुलाई है। सुबह 6 से शाम 6 बजे तक डॉक्टर काम नहीं करेंगे। ऐसे में ये समझना जरूरी है कि डॉक्टर हड़ताल क्यों कर रहे हैं? आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी की मंजूरी देने में क्या दिक्कत है? डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने पर कोरोना मरीजों का क्या होगा? आइए जानते हैं...
आखिर मामला क्या है?
20 नवंबर को सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (CCIM) ने एक नोटिफिकेशन जारी किया। ये नोटिफिकेशन पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई करने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 तरह की सर्जरी करने की मंजूरी देता है।
किस तरह की सर्जरी की मंजूरी दी गई है?
CCIM आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 तरह की सर्जरी करने की मंजूरी देता है। इसमें 39 जनरल सर्जरी है, जिन्हें आयुर्वेद की भाषा में 'शल्य' कहा जाता है। और 19 तरह की सर्जरी नाक, कान, गला, आंख से जुड़ी है, जिसे 'शालक्य' कहा जाता है।
क्या ये पहली बार हुआ है?
नहीं। 2016 में भी सरकार ने ऐसा ही नोटिफिकेशन जारी किया था। आयुर्वेदिक डॉक्टरों की सर्जरी को लेकर इस बार का नोटिफिकेशन पहले से ज्यादा क्लियर है। 2016 के नोटिफिकेशन में कहा गया था कि CCIM ने पीजी कोर्स के लिए जो सिलेबस जारी किया है, उसके तहत स्टूडेंट को सर्जरी की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस बार स्पष्ट लिखा गया है कि 58 सर्जरी कर सकते हैं। आयुर्वेदिक कॉलेजों में शुरू से ही शल्य और शालक्य डिपार्टमेंट होते हैं।
#IMA withdraws all non-Eessential non-COVID Medical Services on December 11, 2020 (Friday) pic.twitter.com/AdWN4rcCnd
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) December 9, 2020
दिक्कत किस बात पर है?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने केंद्र सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध किया है। IMA के अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा का कहना है कि इससे 'खिचड़ी मेडिकल सिस्टम' बन जाएगा, जो हाइब्रिड डॉक्टर पैदा करेगा। IMA का कहना है कि अगर इस तरह से शॉर्टकट अपनाए जाएंगे तो फिर NEET का क्या मतलब रह जाएगा? IMA ने CCIM से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार का कहना है कि यह आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाले टर्म को मॉडर्न मेडिकल टर्म में बदलने की कवायद है। मकसद है कि अलग-अलग मेडिकल फील्ड के लोगों के बीच बेहतर कम्युनिकेशन हो सके।
अब बात मरीजों की...
हड़ताल वाले दिन इमरजेंसी वाले मरीजों का क्या होगा?
IMA ने 11 दिसंबर को देश भर में होने वाली डॉक्टरों की हड़ताल में सिर्फ OPD को बंद रखने का फैसला किया है। इमरजेंसी को किसी भी तरह से बाधित नहीं होने दिया जाएगा। इमरजेंसी के मरीज अस्पतालों में भर्ती किए जा सकेंगे। जो पहले से भर्ती हैं, उनके इलाज में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।
कोरोना के मरीजों का क्या होगा?
कोरोना की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से गंभीर है। ऐसे में कोरोना के मरीजों पर इस हड़ताल का कोई भी असर नहीं पड़ने जा रहा है। आम दिनों की तरह ही पूरी सक्रियता से कोरोना के मरीजों की जांच और इलाज की प्रक्रिया जारी रहेगी।
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