Dainik Bhaskar
ब्रिटेन, अमेरिका समेत कई देशों में कोरोनावायरस से बचाव के लिए वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो गए हैं। ज्यादातर देशों में फाइजर और बायोएनटेक की बनाई mRNA वैक्सीन का ही इस्तेमाल हो रहा है। वहां से मिले सबक और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए भारत सरकार ने भी वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी कर ली है। नेशनल से लेकर ब्लॉक लेवल तक प्लान तैयार कर लिया है। कई स्तरों पर जरूरी ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है।
सबसे पहले, अभी वैक्सीन को लेकर स्थिति क्या है?
वैक्सीन को लेकर पिछले कुछ महीनों में भारत में भी तेजी से काम हुआ है। इस समय फाइजर के साथ ही स्वदेशी वैक्सीन-कोवैक्सिन बना रही भारत बायोटेक और ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर काम कर रहे सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने भी भारत में अपनी वैक्सीन के लिए इमरजेंसी अप्रूवल मांगा है। पिछले हफ्ते रेगुलेटर की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक भी हुई थी। इसमें उसने तीनों ही कंपनियों से कुछ न कुछ डेटा मांगा है। उम्मीद की जा रही है कि SII 10 दिन में यह जरूरी डेटा रेगुलेटर को सौंप देगा। इससे जनवरी के पहले हफ्ते तक इस वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल सकता है। बाकी वैक्सीन के अप्रूवल में देरी संभव है।
वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के लिए तैयार रहें राज्य, स्टोरेज के लिए 29 हजार कोल्ड चेन पॉइंट्स बनाए गए
वैक्सीन के अप्रूवल के बाद क्या होगा?
- इस समय तीन वैक्सीन ने इमरजेंसी अप्रूवल मांगा है। इसमें से किसी को भी अप्रूवल मिला तो वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में तेजी आ जाएगी। सरकार ने जो प्लान बनाया है, उसके हिसाब से नेशनल से ब्लॉक लेवल तक प्रक्रिया तय कर दी गई है।
- इसके साथ-साथ सरकार ने एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया है- कोविड-19 वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (Co-WIN)। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्यों ने इसमें हेल्थवर्कर्स का डेटा अपलोड करना शुरू कर दिया है। इसमें सेल्फ रजिस्ट्रेशन का विकल्प भी होगा।
- 50 वर्ष से ज्यादा के लोगों की पहचान करने के लिए लोकसभा और विधानसभा चुनावों की मतदाता सूचियों की मदद ली जा रही है। इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति 50 वर्ष से कम उम्र का है, पर वह हाई-रिस्क ग्रुप्स में आता है तो वह सेल्फ रजिस्ट्रेशन भी करवा सकता है।
🔶 पूरे देश में एक multi-level governance mechanism स्थापित किया गया है जो #vaccination के कार्यों पर निगरानी रखेगा और सहायता प्रदान करेगा।
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) December 15, 2020
🔷 #vaccination संबंधित तैयारियों को लेकर देश के सभी 633 ज़िलों में टास्क फोर्स की बैठकें हो चुकी हैं।
@MoHFW_INDIA #COVID19 pic.twitter.com/mqUFOYq5Ee
Co-WIN पर सेल्फ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या होगी?
सरकार ने कोविड-19 वैक्सीनेशन को एडमिनिस्टर करने के लिए जो ऐप बनाई है, उस पर इस तरह सेल्फ रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा...
(i) ऐप को फ्री डाउनलोड किया जा सकता है। यह वैक्सीन डेटा रिकॉर्ड करने में मदद करेगा।
(ii) यदि किसी को वैक्सीन चाहिए तो वह खुद भी रजिस्टर कर सकता है।
(iii) Co-WIN प्लेटफॉर्म पर 5 मॉड्युल हैं- एडमिनिस्ट्रेटर, रजिस्ट्रेशन, वैक्सिनेशन, बेनेफिशियरी एक्नॉलेजमेंट और रिपोर्ट।
(iv) एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्यूल वैक्सिनेशन सेशन कंडक्ट करने वाले एडमिनिस्ट्रेटर्स के लिए है। इस मॉड्यूल के जरिए वे सेशन क्रिएट कर सकते हैं और इससे संबंधित वैक्सिनेटर और मैनेजर्स को तैनात किया जाएगा।
(v) रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल उन लोगों के लिए होगा जो खुद को वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टर्ड करना चाहते हैं। सर्वेयर्स या स्थानीय प्रशासन भी डेटा अपलोड कर सकता है।
(vi) वैक्सीनेशन मॉड्यूल में बेनेफिशियरी के डिटेल्स और वैक्सीनेशन स्टेटस अपडेट होगा।
(vii) बेनेफिशियरी एक्नॉलेजमेंट मॉड्यूल बेनेफिशियरी को SMS भेजेगा और वैक्सिनेशन के बाद QR (मैट्रिक्स बारकोड)-बेस्ड सर्टिफिकेट्स भी जारी करेगा।
(viii) रिपोर्ट मॉड्यूल में रिपोर्ट्स तैयार होंगी कि कितने वैक्सीन सेशन आयोजित किए गए? कितने लोगों को वैक्सीन लगाई गई? और कितने लोग ड्रॉप आउट रहे?
#IndiaFightsCorona:
— #IndiaFightsCorona (@COVIDNewsByMIB) December 15, 2020
Adverse events following immunization is a critical issue. While undertaking a universal immunization program, some adverse effects are seen in children &pregnant women after vaccination. So, it is imp. for States/ UTs to be prepared: Secretary, @MoHFW_INDIA pic.twitter.com/9ocMeAHTdX
Co-WIN पर रजिस्ट्रेशन के बाद क्या होगा?
- वैक्सीनेशन में यह प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण रहने वाली है। Co-WIN पर रजिस्ट्रेशन करवाने वालों से कंफर्मेशन ली जाएगी। उनका निवास, उनके मोबाइल नंबर समेत अन्य जानकारी हासिल की जाएगी। ताकि वैक्सीनेशन बूथ तक उन्हें लाया जा सके।
- काफी हद तक वैक्सीनेशन की प्रक्रिया चुनावों की तरह रहने वाली है। कुछ राज्यों में तो पोलिंग बूथ या मैदानों पर वैक्सीनेशन की तैयारी हो रही है। यह जिम्मा राज्यों और जिलों के अधिकारियों का होगा। वह ही तय करेंगे कि वैक्सीनेशन बूथ कहां बनाया जाए।
वैक्सीनेशन बूथ एक व्यक्ति को कितना वक्त लग जाएगा?
- Co-WIN पर रजिस्ट्रेशन के आधार पर वैक्सीनेशन होगा। साफ है कि यदि आपको किसी तय दिन पर वैक्सीन लगना है तो आपको उसकी सूचना पहले ही दे दी जाएगी। पूरी प्रक्रिया में एक से दो घंटे का वक्त तो लग ही जाएगा।
- दरअसल, वैक्सीन लगाने से पहले Co-WIN पर रजिस्ट्रेशन जरूरी है। ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी नहीं रहने वाली है। 100 लोगों को एक सेशन में वैक्सीनेट करने के लिए वैक्सीनेशन बूथ या साइट पर पांच लोगों का स्टाफ होगा।
- वैक्सीन लगाने के बाद 30 मिनट तक उनकी मॉनिटरिंग होगी। ताकि अगर कोई साइड इफेक्ट होता है तो तत्काल उसका उपचार किया जाए। एक व्यक्ति को ही एक समय पर वैक्सीन लगाई जाएगी।
- वैक्सीन लगवाने के बाद भी Co-WIN के जरिए उस व्यक्ति की ट्रैकिंग होगी। एक जिले में एक ही कंपनी की वैक्सीन होगी। ताकि किसी तरह का कोई कंफ्यूजन न रहे। इससे उस शहर में उपलब्ध वैक्सीन ही लगाई जा सकेगी।
- अगर बूथ पर वेटिंग रूम और ऑब्जर्वेशन रूम में पर्याप्त लॉजिस्टिक्स और जगह उपलब्ध है और साथ ही भीड़ का प्रबंधन किया जा सकता है तो एक और वैक्सीनेटर ऑफिसर वहां जोड़ा जा सकता है। इससे 200 लोगों को कवर किया जा सकेगा।
#IndiaFightsCorona:
— #IndiaFightsCorona (@COVIDNewsByMIB) December 15, 2020
Training modules for medical officers, vaccinator officers etc have been finalized; physical and virtual trainings have also been started: Secretary, @MoHFW_INDIA #StaySafe #Unite2FightCorona pic.twitter.com/FFnHyFTZll
वैक्सीनेशन को लेकर किस तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है?
- इस संबंध में तेजी से काम हुआ है। केंद्र ने राज्यों को वैक्सीन के स्टोरेज और हैंडलिंग के लिए जरूरी उपकरण भेजना शुरू कर दिया है। 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में स्टेट स्टीयरिंग कमेटियों और स्टेट टास्क फोर्स की बैठकें हो गई हैं। 633 जिलों में डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स की बैठकें भी हो गई हैं।
- मेडिकल ऑफिसर्स, वैक्सीनेटर ऑफिसर्स, ऑल्टरनेट वैक्सीनेटर ऑफिसर्स, कोल्ड चेन हैंडलर्स, सुपरवाइजर्स, डेटा मैनेजर्स, आशा कोऑर्डिनेटर्स के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल बन चुका है। उनकी वर्चुअल/ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और साथ ही फिजिकल ट्रेनिंग भी शुरू हो गई है। नेशनल और स्टेट ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स वर्कशॉप्स पूरी हो चुकी हैं।
- वैक्सीन को वैक्सीन कैरियर में रखा जाएगा। वैक्सीनेशन सेंटर पर जब तक कोई व्यक्ति वैक्सीन लगवाने नहीं आता, तब तक उस कैरियर का ढक्कन बंद रहेगा। वैक्सीन वायल मॉनिटर्स (VVM) और वैक्सीन-19 वैक्सीन पर एक्सपायरी डेट नहीं होगी।
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