Dainik Bhaskar
किसान आंदोलन का शुक्रवार को 23 वां दिन हो गया। आंदोलन काे लेकर न तो सरकार किसी निर्णय पर पहुंच पाई है और न ही किसान किसी रणनीति पर पहुंच पाए हैं। इस आंदोलन का एक आर्थिक रूप यह भी दिख रहा है कि पहले दिन 8100 रुपए के फंड कलेक्शन से हुई शुरुआत आज 5 लाख तक पहुंच गई है। अब धरने पर हर रोज 5 लाख रुपए तक कलेक्शन हो रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा को देश भर से यह फंड मिल रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि अब हमारे पास फंड की कोई कमी नहीं और न ही सेवा की कोई कमी खल रही है।
कलेक्शन के बराबर खर्च भी
संस्था का दावा है कि जितना पैसा आ रहा है, उतना खर्च भी हो रहा है। संयुक्त मोर्चा के कैशियर अमरीक सिंह भाकियू कादीयां जालंधर के प्रधान हैं। पहले दिन से लेकर अब तक के खर्च का ब्यौरा उनके पास उपलब्ध है, दानदाताओं की सूची की एक कॉपी भर गई है व दूसरी भरने की तैयारी में है।
100 रुपए से लेकर हजारों रुपयों का फंड इस मोर्चे को मिल रहा है। पहले दिन सिर्फ 8100 रुपए से इस आंदोलन को शुरू किया गया था लेकिन अब पैसों और पैसों को देने वाली संख्या में इजाफा हो गया है। 13 दिसंबर को 158, 14 को 111, 15 को 79 व 16 दिसंबर को 154 लोगों ने संयुक्त किसान मोर्चा सिंघु बार्डर पर 4 से 5 लाख रुपए प्रतिदिन फंड पहुंचाया है।
विदेशों से भी हो रही फंडिंग
किसान मोर्चे को विदेशों से भी फंडिंग हो रही है, इसका ब्यौरा तो कैशियर के पास उपलब्ध नहीं है और वो विदेशों से कोई फंड न मिलने की बात को क्लेम करते हैं। लेकिन एनआरआई लोग किसानों की सेवा के लिए यहां हर इंतजाम कर रहे हैं। अमेरिका, कनाड़ा, इंग्लैंड सहित लगभग हर देश में बैठे पंजाबी लोग पैसा भेज रहे हैं, जिसमें अमेरिका में रह रहे पंजाबी सबसे ज्यादा सेवा हेतु पैसा भेज रहे हैं जबकि दूसरे नंबर पर कनाडा व तीसरे पर यूके के लोग हैं।
चारों तरफ सरदार जी-सरदार जी की गूंज
सिंघु बाॅर्डर पर स्थानीय लोगों का पंजाबी लोग दिल जीतने में सफल रहे हैं। हर कोई पंजाबियों की मदद कर रहा है। छोटी-छोटी रेहड़ी चालक, दुकानदार, फास्ट फूड स्टोर मालिक पहले की तरह अब भी खाना खिलाने के बाद ही पैसे ले रहे हैं। हालांकि उनका कार्य आम दिनों के मुकाबले काफी गिर गया है। लेकिन पंजाबी लोगों के बोलचाल से इतने खुश हैं कि भारी भीड़ को देखकर भी घबरा नहीं रहे। कह रहे हैं काम फिर से चल जाएगा। सरदार जी, सरदार जी शब्द स्थानीय लोगों के बोलचाल की दिनचर्या में शामिल हो गया है।
वाटर प्रूफ टेंट की खरीदारी-मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए 20 से ज्यादा वाटर प्रूफ टेंट खरीदे गए जिन्हें अलग-अलग जगह लगाया गया। कैशियर अमरीक सिंह का कहना है कि बारिश के आसार को देखते हुए 20 वाटर प्रूफ टेंट खरीदे है। प्रतिदिन स्पीकर चलाने को ₹31000 किराए भरना पड़ रहा हैं। इसे भी जल्दी खरीद लिया जाएगा।
सिंघु बॉर्डर पर हुई इंटरनेट सुविधा ठप...
सिंघु बार्डर पर किसानों की संख्या बढ़ने के कारण इंटरनेट की सुविधा भी ठप हो गई है। किसान मोर्चा ने इंटरनेट का कनेक्शन लिया, जिसके उन्हें 20 हजार रुपए अदा करने पड़े। शुरुआत में 60 हजार रुपए भी चार्ज मांगा गया।
तरनतारन से साइकिल पर आया युवक 100 रुपए फंड दे चला गया
बुधवार को तरनतारन जिले से दिलबाग सिंह साइकिल चलाकर सभा में पहुंचा और 100 रुपए का सहयोग देकर चला गया। दिलबाग ने किसानों से कहा कि मेरे पास इतने ही पैसे हैं, लेकिन आप मोदी सरकार से जंग जीतकर ही वापस घर लौटना।
हाईवे पर 5 किलोमीटर के दायरे में बसे गांव, कस्बे और मोहल्ले
कुंडली बॉर्डर पर अलग-अलग जिलों और गांव के लोग एक जगह इक्कट्ठे होने लगे हैं, ताकि रोटेशन के तहत आने वालों को अपनों को तलाशने में परेशानी न हो। ऐसे में पांच किलोमीटर का माहौल गांव, कस्बे, शहर और मोहल्ले जैसा हो गया है। यहां कई गांव और मोहल्ले जैसे बस गए हैं। एक पेट्रोल पंप के सामने 200 छोटे टेंट किसानों के लिए एक संस्था ने लगाए हैं और इसको नाम भी टेंट सिटी रख दिया है। इसी तरह एक जगह खालसा एड वालों ने एक हजार लोगों के रहने खाने और सोने की व्यवस्था करके खालसा एड मोहल्ला बसा दिया है। कहीं पटियाला वाली गली मशहूर हो गई है तो कहीं हिसार वालों की गली नाम पड़ गया है। यहां इस तरह के जितने भी सिटी और मोहल्ले बने हैं, उन सभी में प्रबंधक या मुखिया भी बना रहे हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि व्यव्यस्था देखें और शांति भी बनवाए रखें।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar /national/news/the-movement-is-getting-a-collection-of-5-lakh-rupees-every-day-if-internet-facility-comes-to-a-standstill-then-broadband-installed-in-20-thousand-128028419.html
No comments
If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....