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Dainik Bhaskar

दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान संगठन फसल पर MSP की गारंटी चाहते हैं... आखिर क्यों? दरअसल, किसान तमाम प्राकृतिक आपदाओं को झेलकर फसल उपजाता है, लेकिन उसे उपज की सही नहीं मिलती। बाजार में 20 रुपए किलो बिकने वाला आलू किसान से 10 रुपए किलो में लिया जाता है। कुछ ऐसा ही हाल प्याज का है, यह किसान से 20 रुपए किलो में लेकर 50 रुपए किलो तक बाजार में बिकता है।

सब्जियों के अलावा अनाज का हाल भी कुछ ऐसा ही है। देश में गेहूं-चावल की पैदावार की महज 33% सरकारी खरीदी होती है। किसान जब अपनी उपज लेकर व्यापारी के पास जाता है, तो वहां क्वालिटी खराब बता उसे मनमाने दाम थमा दिए जाते हैं।

MSP लीगल राइट बने

कृषि एक्सपर्ट देवेन्द्र शर्मा बताते हैं कि किसान अभी पूरी उपज MSP पर नहीं बेच पाता, इसलिए उसे घाटे में व्यापारियों को फसल बेचनी पड़ती है। सरकार MSP को अगर लीगल राइट बना दे, तो व्यापारी भी कम दाम पर खरीदी नहीं कर सकेंगे।

गेहूं: खराब बता 15 रु. किलो तक खरीदते हैं व्यापारी

पंजाब, हरियाणा, यूपी, मप्र और बिहार गेहूं के प्रमुख उत्पादक हैं। यूपी किसान शक्ति संघ अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह के अनुसार व्यापारी क्वालिटी में कमी बताकर 1500 रु. क्विंटल में गेहूं खरीदते हैं। इससे किसानों को नुकसान होता है।

चावल: 3 किलो धान में 2 किलाे चावल निकलता है

चावल के प्रमुख उत्पादक हैं बंगाल, यूपी, आंध्र, पंजाब और हरियाणा। करनाल, हरियाणा के किसान मेहताब कादियान बताते हैं 3 किलो धान में 2 किलाे चावल निकलता है। व्यापारी किसान से 15 रु. में लेकर 45 रु. में बेचते हैं।

प्याज: खराब मौसम से लागत नहीं निकल रही

प्याज के प्रमुख उत्पादक महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, यूपी और तमिलनाडु हैं। महाराष्ट्र प्याज उत्पादक किसान संगठन के अध्यक्ष भरत डिगोडे बताते हैं खराब मौसम से प्याज की लागत तक नहीं निकल रही है। उपज भी घटी है।

आलू: सभी सब्जियों की MSP 20 रु. होनी चाहिए

यूपी, बंगाल, बिहार, गुजरात, मप्र, पंजाब व हरियाणा प्रमुख आलू उत्पादक हैं। आगरा के किसान संतोष कुमार के अनुसार, सरकार को सभी सब्जियों की MSP 20 रुपए कर देनी चाहिए। इससे नुकसान नहीं होगा।

टमाटर: प्रोसेसिंग यूनिट और कोल्ड स्टोरेज जरूरी

जयपुर, राजस्थान के किसान गणेश राम शर्मा बताते हैं कि टमाटर की अधिक पैदावार वाले क्षेत्रों में प्रोसेसिंग यूनिट और कोल्ड स्टोरेज बनने चाहिए। इससे किसानों को नुकसान नहीं होगा। पाला पड़ने से फसल कम हुई है. लागत बढ़ी है।

गोभी: बीज से लेकर मजदूरी तक मिलाकर 5 रुपए में बिक्री

गाजियाबाद के किसान अमित त्यागी बताते हैं कि किसान से औसतन गोभी 5 रु. किलो खरीदी जाती है। इसमें बीज से लेकर तुड़ाई, ढुलाई और मजदूरी शामिल है। फूल गोभी और पत्ता गोभी में लागत तक नहीं निकल रही है।



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देश में गेहूं-चावल की पैदावार की महज 33% सरकारी खरीदी होती है। किसान जब उपज लेकर व्यापारी के पास जाता है, तो क्वालिटी खराब बताकर उसे बेहद कम दाम दिए जाते हैं।


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