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Dainik Bhaskar

तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का आज 12वां दिन है। इस आंदोलन को पंजाब-हरियाणा से लेकर विदेशों तक से समर्थन मिल रहा है। पंजाब के खिलाड़ी और कलाकारों ने ऐलान किया है कि वे आज अवॉर्ड वापसी करेंगे। ओलिंपिक मेडलिस्ट बॉक्सर विजेंदर सिंह ने रविवार को कहा कि कानून वापस नहीं हुए वे राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार वापस कर देंगे।

अब तक किन-किन स्पोर्ट्स पर्सन ने अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया?

खिलाड़ी/कोच अवॉर्ड
विजेंद्र सिंह, बॉक्सिंग खेल रत्न
गुरबख्श सिंह संधू, बॉक्सिंग द्रोणाचार्य अवॉर्ड
करतार सिंह, कुश्ती पद्मश्री, अर्जुन अवॉर्ड
सज्जन सिंह चीमा, बास्केट बॉल अर्जुन अवॉर्ड
राजबीर कौर, हॉकी अर्जुन अवॉर्ड

बंद के दौरान एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियां आ-जा सकेंगी
किसान पहले ही कह चुके हैं कि 8 दिसंबर यानी मंगलवार को भारत बंद करेंगे। इसके समर्थन में कांग्रेस समेत 20 सियासी दल और 10 ट्रेड यूनियंस उतर आए हैं। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने 9 दिसंबर को राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी आज किसान आंदोलन को समर्थन का ऐलान किया है। उधर, किसान नेता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने बताया कि मंगलवार को बंद सुबह से शाम तक और चक्का जाम दोपहर 3 बजे तक रहेगा। एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियां आ-जा सकेंगी।

अपडेट्स

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज सिंघु बॉर्डर जाएंगे। उनके साथ दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्री भी रहेंगे। केजरीवाल देखेंगे कि किसानों के लिए क्या व्यवस्थाएं हैं।
  • नोएडा से दिल्ली जाने के लिए चिल्ला बॉर्डर से एंट्री बंद है। ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि दिल्ली आने के लिए नोएडा लिंक रोड की बजाय DND का इस्तेमाल करें।
  • NH-24 पर गाजीपुर बॉर्डर बंद है। गाजियाबाद से दिल्ली आने वालों को NH-24 की बजाय अप्सरा, भोपरा या DND के रास्ते आने की सलाह दी गई है।

किसानों का अगला टारगेट- बदरपुर बॉर्डर पर डालना है डेरा
किसानों और सरकार के बीच हुई 5 दौर की बातचीत के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकल सका है। अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के कई बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं। 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान भी कर चुके हैं। उनका अगला टारगेट बदरपुर बॉर्डर को बंद करने का है। इसे लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां भी हरकत में आ चुकी हैं। पुलिस भी अपने स्तर पर किसानों की स्ट्रैटजी पता लगाने की कोशिश में लगी है।

पंजाब की महिलाएं बोलीं- हरियाणा में दामाद जैसी खातिर हो रही
हरियाणा के लोग दिन रात किसानों की सेवा में लगे हुए हैं। आंदोलन में आई महिलाएं और किसानों के लिए दिल्ली बॉर्डर के साथ लगते हरियाणा के कई गांवों के लोगों ने अपने दरवाजे खोल रखे हैं। उन्होंने पंजाब की महिलाओं ने अपने घर में रहने, सोने, नहाने के लिए हर सुविधा दे रखी है। कुछ महिलाओं ने तो यहां तक कहा कि हरियाणा में उन्हें ऐसा सम्मान मिल रहा है जैसे ससुराल में दामाद को दिया जाता है। रहने खाने से लेकर पहनने को कपड़े तक दे रहे हैं।

मोबाइल ऐप पर आंदोलन के लिए मीटिंग करती हैं महिला किसान
आंदोलन में बच्चों और महिलाओं से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। आंदोलन में अपनी भूमिका पर बात करने के लिए महिलाएं मोबाइल ऐप के जरिए मीटिंग करती हैं। करीब 70 साल के एक बुजुर्ग कहते हैं कि पंजाब बड़ा भाई और हरियाणा छोटा है, दोनों साथ हैं तो सबक सिखा ही देंगे। एक बुजुर्ग ने कहा, जोश के साथ होश जरूरी है। ये भविष्य की लड़ाई है, सब्र से लड़ी जाएगी।

कृषि राज्य मंत्री बोले- कानून वापसी की जरूरत नहीं, संशोधन कर सकते हैं
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने रविवार को कहा, 'मैं नहीं मानता असली किसान, जो अपने खेतों में काम कर रहे हैं, वे इस बारे में चिंतित हैं। कुछ राजनीतिक लोग आग में घी डाल रहे हैं। मुझे नहीं लगता कानून वापस लिए जाने चाहिए। जरूरत पड़ी तो इनमें कुछ संशोधन हो सकते हैं।'



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किसान आंदोलन में शामिल महिलाएं मोबाइल ऐप पर मीटिंग कर आंदोलन की स्ट्रैटजी तैयार करती हैं। हरियाणा के लोगों ने उनके लिए अपने घरों के दरवाजे खोल रखे हैं। फोटो सिंघु बॉर्डर की है।


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