Header Ads



Dainik Bhaskar

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 9 महीने में 50 हजार से ज्यादा केसों की वर्चुअल सुनवाई की है। पिछले साल के मुकाबले यह 13 हजार अधिक है। हाई कोर्ट और जिला अदालतों में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हो रही है। इसे देखते हुए कानून और आईटी मंत्रालय द्वारा वर्चुअल कोर्ट सिस्टम विकसित करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार इस योजना को तैयार करने के लिए अमेरिका, सिंगापुर, तुर्की, कनाडा व इटली द्वारा अपनाई जा रही तकनीकों का अध्ययन किया गया है। इन देशों में सबसे उत्तम वर्चुअल कोर्ट प्रणाली काम कर रही है। दुनिया का सबसे अत्याधुनिक वर्चुअल कोर्टरूम अमेरिका के वर्जीनिया शहर में है। इस हाइटेक कोर्ट रूम को द सेंटर फॉर लीगल एंड कोर्ट टेक्नोलॉजी नामक संस्था ने बनाया है।

भारत में भी इसी तकनीक के उपयोग पर विचार किया जा रहा है। भविष्य के मद्देनजर वकीलों को भी टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाया जाएगा। कानून मंत्रालय ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को लॉ पाठ्यक्रम में कम्प्यूटर कोर्स शामिल करने का सुझाव दिया है। वकीलों को तकनीक सिखाने के लिए एक क्रैश कोर्स तैयार करने को कहा गया है।

सभी हाई कोर्ट व जिला कोर्ट में ई-सेवा केंद्र खोले जाएंगे

सूत्रों के मुताबिक न्याय विभाग ने आईटी मंत्रालय के साथ मिलकर एक प्रपोजल तैयार किया है। इसमें सभी हाई कोर्ट व जिला अदालत में एक ई-सेवा केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया गया है। जिसके माध्यम से दूर-दराज के वकीलों, याचिकाकर्ताओं को ई- फाइलिंग सुविधा और तकनीक की जानकारी दी जा सके। इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या को देखते हुए कानून मंत्रालय ने संचार मंत्रालय को एक नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन नामक योजना के तहत कनेक्टिविटी बढ़ाने का सुझाव दिया है।

14,443 कोर्ट में वीसी की सुविधा नहीं, तैयार हो रहा डेटाबेस

कोरोना काल में वर्चुअल सुनवाई असरकारक, समय और धन की बचत वाली साबित हुई है। आईटी मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक वर्चुअल कोर्ट के लिए एक डेटा बेस तैयार किया जा रहा है। ताकि तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित जरूरतों की जानकारी मिल सके। देशभर में अभी तक केवल 1272 जेलों और 3240 कोर्ट परिसर में ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा है, जबकि 14,443 कोर्ट में यह नहीं है। राज्यों से भी इस संदर्भ में जानकारी मांगी गई है।

मंत्रालय डेटा प्राइवेसी को लेकर तैयार कर रहा है नया प्लेटफॉर्म

देश भर में सभी अदालतें फिलहाल वर्चुअल मोड में चल रही हैं। ऐसे में अदालतों का सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन ही दर्ज किया जा रहा है। इस व्यवस्था में डेटा प्राइवेसी को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। सूत्रों के मुताबिक, कानून मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि भारतीय न्यायिक व्यवस्था के लिए एक नया प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए। जिसमें लोगों के न्यायिक मामलों से संबंधित डेटा सुरक्षित रहे। साथ ही, आईटी मंत्रालय इस सिलसिले में एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन तैयार करने पर भी काम कर रहा है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
फाइल फोटो


from Dainik Bhaskar /national/news/roadmap-for-hitech-virtual-court-system-across-the-country-128057137.html

No comments

If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....

Powered by Blogger.