Header Ads



Dainik Bhaskar

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में बॉलीवुड सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। यह इंडस्ट्री 10% की रफ्तार से बढ़ रही है। हिंदी फिल्मों का ओवरसीज बिजनेस भी 27% की रफ्तार से बढ़ रहा है। यह हिंदी की ताकत ही है कि साल 2009 में सभी जुबानों में बनने वाली फिल्मों में से आने वाले राजस्व में बॉलीवुड का हिस्सा 19% था जो बढ़कर 40% हो गया है।

यानी 110% ग्रोथ रही। मुनाफे के आंकड़ों की बात करें तो बॉलीवुड कमाता तो हिंदी फिल्मों से है लेकिन कामकाज अंग्रेजी में होता है। यहां तक कि फिल्मी कहानियों को कागज पर उकेरने से लेकर स्क्रीन तक पहुंचाने वाले लेखक को आज भी ‘स्टार दर्जा’ हासिल नहीं है। आर्टिकल-15 के सह लेखक रहे गौरव बताते हैं कि हिंदी फिल्म लेखक को जो क्रेडिट और फीस मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है।

तुलसी कंटेंट के को-पार्टनर चैतन्य हेगड़े बताते हैं अभी फिल्म के बजट का 2% लेखन पर खर्च हो रहा है, गौरव का कहना है कि यह 4% होना चाहिए। देखा जाए तो अंग्रेजी प्रधान इस इंडस्ट्री में हिंदी बोलने वाले बढ़ रहे हैं। इसकी मिसाल है कि अब मुंबई में 100 से ज्यादा इंस्टीट्यूट हो गए हैं जहां हिंदी भाषा का उच्चारण सिखाया जाता है।

वरुण धवन, कैटरीना कैफ, नरगिस फाकरी और ज्हानवी कपूर समेत 25 से ज्यादा स्टार्स को हिंदी सिखाने वाले आनंद मिश्रा कहते हैं कि 80% से ज्यादा बॉलीवुड हिंदी सीख रहा है। नए एक्टर कॉन्वेंट से पढ़कर आते हैं जिन्हें थोड़ी बहुत हिंदी आती है। मिश्रा के अनुसार फिल्मों के सेट पर उच्चारण सही करवाने के लिए भी हिंदी के जानकार जाते हैं।

वे खुद भी सेट पर जाते हैं और वहीं उच्चारण सही करवाते हैं। लीजा रे, जैकलीन फर्नांडिस और स्कॉटिश इतिहासकार विलियम डालरेंप्ले जैसी हस्तियों को हिंदी सिखा चुकी पल्लवी सिंह बताती हैं ‘बॉलीवुड में सुपर एलीट, अंग्रेजी कल्चर के लोग हैं। सेट पर हिंदी न आने की वजह से भाव ही नहीं आ पाते हैं।

वहां ये लोग फंसते हैं, जिस वजह से हिंदी सीखते हैं।’ फिल्म प्रोड्यूसर आनंद पंडित बताते हैं ‘बेशक डायलॉग रोमन अंग्रेजी में लिखे जाते हैं लेकिन नींव तो हिंदी ही है। हिंदी कभी नजरअंदाज नहीं हो सकती है बल्कि अब तो प्रोडयूसर लोग बेहतरीन उच्चारण के लिए सेट पर डिक्शन के लोग रखने लगे हैं।’

2020 में एंटरटेनमेंट सेक्टर 2.42 लाख करोड़ का होगा
फिक्की की रिपोर्ट के मुताबिक देश में मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर 2018 में 1.82 लाख करोड़ था, जो 2022 में 2.42 लाख करोड़ रुपए का होगा। कोविड ने ओटीटी की रफ्तार बढ़ा दी है। 2018 में ओटीटी प्लेटफॉर्म ने 1200 घंटे का ओरिजनल कंटेंट जनरेट किया। 2019 में यह 1600 घंटे का हो गया। कोविड में 58% लोग एंटरटेनमेंट एप्स पर थे।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
हिंदी फिल्मों का ओवरसीज बिजनेस भी 27% की रफ्तार से बढ़ रहा है


from Dainik Bhaskar /local/maharashtra/mumbai/news/about-100-institutes-in-mumbai-are-teaching-hindi-to-bollywood-128108327.html

No comments

If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....

Powered by Blogger.