Dainik Bhaskar
1. नए साल के साथ नए दशक की भी शुरुआत हो गई है। अमेरिका के घटते प्रभाव और चीन के बढ़ते असर के बीच इस नई विश्व व्यवस्था में भारत के लिए क्या चुनौतियां होंगी? और भारत इनका किस तरह से सामना करते हुए विश्व व्यवस्था में खुद को कहां स्थापित कर सकता है, इसी की एक पड़ताल...
अगले 10 साल : विश्व व्यवस्था में कहां होगा भारत?
2. रितिक रोशन को बचपन से ही कई त्रासदियों का सामना करना पड़ा, लेकिन मन में दृढ़ विश्वास के बूते वे हर त्रासदी को जीत में बदल सके। आज (10 जनवरी) उनके जन्मदिवस के मौके पर पढ़िए कि कैसे उन्होंने अपनी जिंदगी में कितने ही मोर्चे मुस्कराते हुए फतह कर लिए...
रितिक रोशन : हर त्रासदी को जीत में बदलने वाला हीरो
3. पटौदी के प्रैंक के किस्से बड़े मशहूर रहे हैं। सालों पहले विजय मांजरेकर, चंद्रशेखर, गुंडप्पा विश्वनाथ, प्रसन्ना और राजसिंह डूंगरपुर आदि भोपाल में एक इन्विटेशन मैच खेलने आए थे। मैच के बाद पटौदी उन्हें घुमाने के लिए अपने ही स्टेट के जंगलों में ले गए। फिर वहां क्या हुआ, पढ़िए जाने-माने क्रिकेट कमेंटेटर सुशील दोशी की कलम से...
पटौदी के प्रैंक : जब उन्होंने अपने ही साथी खिलाड़ी का करवा दिया था 'अपहरण'
4. आमतौर पर अर्जुन को महाभारत का नायक माना जाता है, लेकिन महाभारत में कई ऐसे क्षण रहे जहां अर्जुन कमजोर पड़े। इन्हीं कमियों के कारण निधन के बाद अर्जुन को नर्क में जगह मिलती है...
किन कमियों के कारण अर्जुन को जाना पड़ा था नर्क?
5. अनेक फिल्मों का डायरेक्शन करने के अलावा महबूब ख़ान ने कुछ काबिले-दाद कारनामे और भी किए। 1962 में चीन के हमले से भौंचक देश के गुम होते हवास वाले इस दौर में गीतकार जां निसार अख़्तर, संगीतकार ख़य्याम और मुहम्मद रफ़ी की मदद से एक गीत रिकार्ड करवाया- ‘आवाज़ दो हम एक हैं।’ महबूब ख़ान की और भी कई बातें बता रहे हैं राजकुमार केसवानी...
‘आवाज़ दो हम एक हैं’ गीत ने चीन हमले से भौंचक देश में भर दिया था जोश
6. पिछले कुछ दिनों से वॉट्सऐप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी से एक बहस खड़ी कर दी है। नई प्राइवेसी पॉलिसी में कहा गया है कि यूजर को इसे 8 फरवरी तक स्वीकार करना होगा, अस्वीकार करने की स्थिति में यह वॉट्सऐप अकाउंट डिलीट कर देगा। बहस नई प्राइवेसी पॉलिसी के नियमों की है। पढ़िए बहस और विवाद से जुड़े तमाम पहलुओं के बारे में...
क्यों विवादों में रहता है वॉट्सऐप?
7. कोई किताब हो, ग़ज़ल हो या शेर हो, इसका अच्छा आलोचक कौन हो सकता है, यह हमेशा से एक बड़ा सवाल रहा है। पाकिस्तान की जानी-मानी वरिष्ठ पत्रकार, लेखिका और स्तंभकार ज़ाहिदा हिना दे रही हैं इस सवाल का जवाब...
अच्छा आलोचक होने का हक़ किसे है?
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