Dainik Bhaskar
आरंभ से ही मेरा मत रहा है कि कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को लगे धक्के से पूरी तरह उबारने के लिए हमें नागरिकों के आवागमन को पहले जैसी स्थिति में लाना होगा। जब तक नागरिक सामान और सेवा की खरीद-बेच की प्रक्रिया पहले जैसे नहीं कर पाते या कार्यस्थल पर स्वतंत्र रूप से नहीं जा पाते, आर्थिक बहाली अधूरी रहेगी। यद्यपि अब लगभग सभी कानूनी बाधाएं हटा दी गई हैं, वायरस के डर से नागरिकों ने अभी भी पूरी तरह आवागमन शुरू नहीं किया है। आर्थिक गतिविधियों में भी इस प्रक्रिया का प्रतिबिंब नजर आता है।
इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान जब लॉकडाउन सबसे कड़ा था तो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 24% गिर गया। विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं में भी इसी तरह की भारी गिरावट रही। जैसे-जैसे आवागमन बढ़ा, अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी। इससे भारत में जुलाई-सितंबर की तिमाही में जीडीपी में गिरावट 7.5% पर सीमित हो गई। आवागमन की सुगमता का असर क्षेत्रवार जीडीपी पर भी देखने को मिला।
अप्रैल-जून तिमाही के दौरान कृषि क्षेत्र के कामगारों के आवागमन पर न्यूनतम असर रहा। परिणामस्वरूप यह क्षेत्र सामान्यतः 3.4% की दर से विकास में सफल रहा। जिन क्षेत्रों में आवागमन अधिक प्रभावित रहा, उनका प्रदर्शन उतना ही खराब रहा: निर्माण क्षेत्र में 50.3%, व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाओं में 47%, उत्पादन के क्षेत्र में 39.3% और खनन में 23.3% की गिरावट रही।
जुलाई-सितंबर की तिमाही में भी क्षेत्रवार उत्पादन आवागमन की सुविधा के महत्व को दर्शाता है।
कृषि क्षेत्र में एक बार फिर 3.4% की वृद्धि हुई। लोगों के काम पर आने से अन्य क्षेत्रों में भी सुधार नजर आया। बिजली और अन्य उपयोगी सेवाओं में पहली तिमाही की 7% की गिरावट के मुकाबले दूसरी तिमाही में 4.4% की बढ़ोतरी हुई, औद्योगिक उत्पादन में भी मामूली 0.6% की वृद्धि हुई और निर्माण क्षेत्र की गिरावट भी 8.6% रह गई। यहां तक कि आवागमन पर रोक से सर्वाधिक प्रभावित व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट व संचार और प्रसारण सेवाओं से जुड़े क्षेत्रों में भी गिरावट कम होकर 15.6% ही रह गई।वायरस से निपटने के प्रति लोगों में बढ़ते आत्मविश्वास को ध्यान में रखते हुए सरकार आर्थिक प्रगति की दर को बढ़ाने के लिए चार कदम उठा सकती है।
पहला, अर्थव्यवस्था की धीमी गति के कारण हर सप्ताह जीडीपी में अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है। इसलिए वैक्सीन लगाने में तेजी दिखानी चाहिए, ताकि लोगों का आवागमन, पहले की स्थिति में जल्द आ सके।
दूसरा, वायरस के खिलाफ लोगों का आत्मविश्वास बढ़ने से वित्तीय प्रोत्साहन के प्रभावी मांग और प्रभावी मांग के उत्पादन में बदलने की श्रेष्ठ संभावना है। यदि जीडीपी का 1-2% हिस्सा वित्तीय प्रोत्साहन में दें, तो कोरोना से पहले की स्थिति में अर्थव्यवस्था को आने और 7% से अधिक वृद्धि दर पाने में मदद मिलेगी। प्रोत्साहन के लिए सरकार जो वित्तीय कर्ज लेगी, उससे कहीं अधिक तीव्र आर्थिक प्रगति से वसूल कर सकेगी।
तीसरा, ये अवश्यंभावी है कि पिछली 3 तिमाही के दौरान राजस्व प्रवाह में आई कमी से कई उद्यमों को दिवालिया घोषित करना पड़ेगा। इससे बैंक लोन के डिफ़ॉल्ट व एनपीए बढ़ेंगे। याद रहे कि कोरोना से पहले भी सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण में देरी से उत्पन्न ऋण संकट से अर्थव्यवस्था को झटका लगा था। यह गलती दोहराना हानिकारक होगा।
चौथा, सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के निजीकरण का व्यापक कार्यक्रम शुरू करना चाहिए। इसके दो कारण हैं। पहला, राजस्व में कमी से 2020-21 में केंद्र व राज्यों के संयुक्त वित्तीय घाटे में जीडीपी के 12-13% बढ़ने की आशंका है। यानी कर्ज का जीडीपी में जो अनुपात 2019-20 के अंत में 72% था, वह 2020-21 के अंत में 84-85% हो जाएगा। इसे नियंत्रित करने में निजीकरण से मिला राजस्व प्रभावी तरीका हो सकता है। दूसरी वजह दक्षता है। बाजार का मूल सिद्धांत है कि सरकार को उन सभी लाभ कमाने वाली गतिविधियों को निजी क्षेत्र के लिए छोड़ देना चाहिए, जो कोई जनउद्देश्य पूरा नहीं करतीं।
बड़ी संख्या में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को रखना समाजवादी युग की प्रवृत्ति है और इसे सुधारने का यही समय है। अपने निजी क्षेत्र के समकक्षों की तुलना में इन सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का रिटर्न बहुत कम है। साक्ष्यों से पता चलता है कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में जिन सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का निजीकरण किया गया, वे समान रूप से फलफूल रहे हैं। अब समय है कि भारत खुद को समाजवाद के पंजे से मुक्त करे और वैसी संपन्नता हासिल करे, जैसी पूर्वी एशिया के कई देशों ने बहुत पहले की थी। (ये लेखक के अपने विचार हैं)
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2LlU7yG
No comments
If any suggestion about my Blog and Blog contented then Please message me..... I want to improve my Blog contented . Jay Hind ....