Dainik Bhaskar दोनों हाथ नहीं हैं, हॉस्पिटल में काम करती हैं पैरों से पेंटिंग बनाकर बेच रहीं, ताकि दिव्यांगों के लिए आर्ट स्कूल खोल सकें
(दिलीप कुमार शर्मा) ‘मुश्किलें किसके जीवन में नहीं हैं। भगवान मेरे दोनों हाथ बनाना भूल गए, लेकिन मैंने पैरों से जीना सीख लिया है।’ 21 साल ...