Dainik Bhaskar
सोमदत्त की चिता की आग ठंडी हो चुकी है। लेकिन उस मिट्टी के तेल की गंध अभी नहीं गई, जो उन्हें जल्दी जलाने के लिए चिता पर डाला गया था। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा कस्बे के शहजादपुर कनैन गांव के रहने वाले 28 साल के सोमदत्त को शनिवार सुबह पुलिस की मौजूदगी में गांव के श्मशान घाट पर जला दिया गया था। कोई क्रियाकर्म भी नहीं किया गया था। सोमदत्त की मौत संदिग्ध हालातों में हुई, लेकिन पुलिस ने उनका पोस्टमार्टम तक नहीं कराया।
सोमदत्त की मौत कैसे हुई, यह जांच का विषय है। हत्या क्यों हुई यह साफ है। उसने गांव में अपनी से ऊंची जाति की लड़की से प्रेम करने की हिम्मत की थी। बैरागी जाति के सोमदत्त गांव की ही एक जाट जाति की लड़की से प्रेम करते थे और पांच दिसंबर को उसके साथ गांव से चले गए थे। अगले ही दिन लड़की की शादी होनी थी। यूं दोनों का घर आसपास ही है, लेकिन दोनों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में लंबा फासला था।
दोनों को पकड़ने के लिए स्थानीय पुलिस ने 6 दिसंबर को सोमदत्त के भाई सुनील को उठा लिया और उन्हें अवैध हिरासत में रखा। सुनील के मुताबिक, 8 दिसंबर की शाम को पुलिस और लड़की के परिजनों ने बागपत जिले में दोनों को पकड़ लिया था। हालांकि, पुलिस का कहना है कि वो 10 दिसंबर को पकड़ में आए थे।
सुनील के मुताबिक, वे उस समय पुलिस टीम के साथ थे, लेकिन भाई को पकड़ने के बाद पुलिस उन्हें रास्ते में ही छोड़कर दोनों को अपने साथ ले गई। पुलिस का कहना है कि लड़की ने अदालत में दिए बयान में अपने परिजनों के साथ जाने की इच्छा जताई थी और दोनों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था। लेकिन सोमदत्त के भाई सुनील कहते हैं, 'हमारे भाई को कहां रखा, हमें नहीं पता। हमें उसकी लाश मिली।'
वे आरोप लगाते हैं, 'लड़की वालों ने हमें धमकी दी कि जितनी जल्दी हो उसे जला दो। ऐसा नहीं किया, तो हम तुम्हारे घर की बहू-बेटियों को उठा लेंगे।' इस घटना से जुड़े कई वीडियो भी वायरल हुए हैं। एक वीडियो में सोमदत्त की मां अपने बेटे की हत्या करने और उसकी लाश को जबरदस्ती जला देने का आरोप लगाती दिख रहीं हैं।
श्मशान घाट में रिकॉर्ड किए गए वीडियो में वो कहती हैं, 'पुलिस का कहना है कि थाने में उसने लोवर के नाड़े से आत्महत्या की। मेरी मर्जी के बिना पुलिस और गांव वालों ने बेटे को जला दिया।'
इन आरोपों को दोहराते हुए उन्होंने भास्कर से कहा, 'मुझे मेरे मरे बेटे का आखिरी बार चेहरा तक नहीं देखने दिया। वे मेरे बेटे को मारकर लाए और जबरदस्ती उसे जला दिया।'
शपथपत्र में सोमदत्त की मां का अलग बयान
पुलिस को दिए शपथपत्र में सोमदत्त की मां ने कहा है, 'गांव लौटने के बाद उनके बेटों को लड़की वालों ने बुरी तरह मारा-पीटा और उसने रात में आत्महत्या कर ली।' उधर, खुर्जा नगर थाने में सोमदत्त के परिजनों की ओर से दर्ज FIR के मुताबिक, लड़की के परिजनों ने 11 दिसंबर की रात को उसे बुरी तरह मारा पीटा था, जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली।
सोमदत्त के परिजनों की ओर से FIR और मीडिया को दिए बयानों में अंतर साफ है। उनके रिश्तेदारों का कहना है कि ये बयान दबाव में बदले गए हैं। बुलंदशहर के जिलाधिकारी ने उनकी मौत की जांच मजिस्ट्रेट को सौंप दी थी और 48 घंटों में रिपोर्ट मांगी थी। जांच रिपोर्ट सोमवार को मिलनी थी, लेकिन देर शाम तक नहीं मिल सकी।
जिलाधिकारी रविंद्र कुमार कहते हैं, 'अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। पूरे तथ्यों की रोशनी में ही इस घटना पर कोई टिप्पणी की जाएगी।'
वहीं बुलंदशहर के एसपी संतोष सिंह का कहना है, 'असफल प्रेम प्रसंग में आत्महत्या का मामला सामने आया है। जांच की जा रही है।' पुलिस अधिकारियों ने अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस की मौजूदगी से इनकार किया है। लेकिन भास्कर के पास वीडियो मौजूद हैं, जिनमें पुलिसकर्मी अंतिम संस्कार के दौरान नजर आ रहे हैं।
‘मैं अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहता हूं, उसे मारने वालों को सजा मिले’
सोमदत्त की मौत पर गांव में कोई बात करना नहीं चाहता। लोग दबी जबान में ये जरूर कहते हैं कि गांव में पहले इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। कुछ लोग फुसफुसाते हुए कहते हैं कि पुलिस की गाड़ी में बॉडी आई थी। लेकिन खुलकर कोई बात नहीं करता। वहीं लड़की के परिजन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहते हैं, 'वो अपने लड़के को ले गए थे, हम अपनी लड़की को ले आए थे। उनके लड़के के साथ क्या हुआ हमें नहीं पता।'
लड़की की मां कहती हैं, 'हमारी लड़की को हल्दी लग गई थी। बरात आ रही थी। एक दिन पहले उसके साथ ये घटना कर दी। हम तो कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहे।'
सोमदत्त के बुजुर्ग पिता को बहुत ज्यादा होश नहीं है। वो कहते हैं, 'मैं अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहता हूं। उसे मारने वालों को सजा मिले।'
वहीं सोमदत्त की चिता के पास खड़े होकर उनके भाई सुनील कहते हैं, 'हमारा बेटा मर गया। उनकी बेटी को भी ऐसी ही मौत मिले, ताकि कोई समाज के खिलाफ ये काम न करे। यही इंसाफ होगा।'
ऐसा लगता है कि इस गांव में प्यार करना सबसे बड़ा जुर्म है, जिसकी सजा मौत है और ये सजा देने वालों में वो सिस्टम भी शामिल है, जिसका काम ऐसे प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा देना है।
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